– नीतू और नवीन के खातों में 32 करोड़ रुपये, विदेशों से फंडिंग और कैश पेमेंट से जुड़ी जानकारी आई सामने
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने तथाकथित बाबा छांगुर के आर्थिक साम्राज्य पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। जांच में पता चला है कि बाबा के करीबी सहयोगियों नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जलालुद्दीन के खातों में कुल 32 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा है। मामले में विदेशी फंडिंग और संदिग्ध लेनदेन के संकेत मिलने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, नीतू उर्फ नसरीन के 8 बैंक खातों में लगभग 16 करोड़ रुपये की रकम जमा पाई गई है।
नवीन उर्फ जलालुद्दीन के खातों में करीब 18 करोड़ रुपये की राशि मिली है।
शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि इन पैसों का बड़ा हिस्सा विदेशों से फंडिंग के माध्यम से आया, जिसका इस्तेमाल हजारों मुस्लिम युवकों को नगद भुगतान में किया गया।
➡ संदिग्ध गतिविधियों की पड़ताल के लिए एटीएस ने संबंधित बैंकों से इन सभी खातों का पूरा विवरण मांगा है।
जांच एजेंसियों को आशंका है कि इन खातों का इस्तेमाल धार्मिक आस्था की आड़ में अवैध आर्थिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि बाबा छांगुर के दरबार में देश-विदेश से भारी चढ़ावा आता था, जिसे बाद में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर नकदी में बांटा जाता था।
प्राथमिक जांच के आधार पर एटीएस ने इन खातों को फ्रीज़ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इन पैसों के स्रोत, लेन-देन और संभावित नेटवर्क की गहन छानबीन की जा रही है।
एटीएस अधिकारियों के अनुसार, यदि फंडिंग के स्रोत और उपयोग में कोई आपराधिक या देशविरोधी गतिविधि पाई गई तो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद निरोधक अधिनियम (UAPA) के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय एजेंसियों को भी अलर्ट किया गया है, और यह आशंका जताई जा रही है कि यह नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हो सकता है।
यह खुलासा बाबा छांगुर और उसके सहयोगियों की कथित चमत्कारी छवि के पीछे छिपे आर्थिक नेटवर्क पर सवाल खड़े करता है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।