नई दिल्ली: अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय के हक और अधिकारों को लेकर लगातार आवाज उठाने वाले दलित-आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के नेता चंद्रशेखर (Chandrashekhar) ने एक बार फिर बड़ा मुद्दा उठाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Modi) को पत्र लिखकर OBC आरक्षण (OBC reservation) में लागू क्रीमी लेयर व्यवस्था को समाप्त करने और आय सीमा बढ़ाने की मांग की है। यह पत्र सोशल मीडिया पर भी साझा किया गया है और अब यह चर्चा का विषय बन गया है।
क्या है चंद्रशेखर की मांग?
चंद्रशेखर का कहना है कि OBC वर्ग को आरक्षण का लाभ पूर्ण रूप से मिलना चाहिए, लेकिन क्रीमी लेयर की बाध्यता और बेहद सीमित आय सीमा के कारण लाखों योग्य लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में आय सीमा 8 लाख रुपये सालाना तय की गई है, जो आज के आर्थिक हालात और महंगाई के हिसाब से बेहद कम है। इसलिए या तो क्रीमी लेयर व्यवस्था को पूरी तरह खत्म किया जाए या फिर आय सीमा को बढ़ाकर कम से कम 15 लाख रुपये सालाना किया जाए।
चंद्रशेखर ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि— OBC समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में वास्तविक लाभ तभी मिल सकेगा जब क्रीमी लेयर व्यवस्था को हटाया जाएगा। वर्तमान समय में महंगाई और बेरोजगारी की मार से मध्यम आय वर्ग भी संघर्ष कर रहा है। 8 लाख रुपये सालाना की सीमा आज की परिस्थितियों में एक औसत परिवार की वास्तविक आर्थिक स्थिति को बिल्कुल नहीं दर्शाती। OBC वर्ग के कई प्रतिभाशाली छात्र सिर्फ इस सीमा की वजह से आरक्षण का लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं।
“ समान अवसर ही असली न्याय”
चंद्रशेखर ने कहा कि सामाजिक न्याय और समान अवसर तभी संभव है जब OBC वर्ग को संविधान प्रदत्त अधिकारों का पूरा लाभ मिले। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर तुरंत निर्णय लिया जाए ताकि पिछड़े वर्ग के युवाओं और परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
चंद्रशेखर के इस पत्र के सामने आते ही राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार लंबे समय से OBC आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है, जबकि सत्ता पक्ष का तर्क है कि मोदी सरकार ने पिछड़ों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) चंद्रशेखर की इस मांग पर क्या रुख अपनाता है।
कुल मिलाकर, चंद्रशेखर का यह पत्र न सिर्फ OBC समुदाय के लिए बल्कि देशभर की राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बन सकता है, क्योंकि 2024 के बाद की राजनीति में पिछड़ा वर्ग निर्णायक भूमिका निभा रहा है।