-घायल बुजुर्ग को एस्कॉर्ट वाहन से अस्पताल भिजवाकर मानवता का परिचय दिया
फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग (State Women Commission) की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान और सदस्य सुनीता सैनी ने आज फतेहगढ़ (Fatehgarh) स्थित विकास भवन सभागार में महिला जनसुनवाई एवं विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने जिले के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित महिला-कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की और 15 पीड़ित महिलाओं की समस्याएं सुनकर त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
जनसुनवाई में घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, पॉक्सो एक्ट और जमीनी विवाद जैसे मामलों को प्रमुखता से सुना गया। एक प्रकरण में लापरवाही पाए जाने पर अध्यक्ष ने सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय को तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाओं से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को लेकर मिली शिकायतों पर अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि वे स्वयं विद्यालयों का निरीक्षण कर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित कराएं। साथ ही, उन्होंने सभी अधिकारियों से अपने-अपने विभागों की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को बोला।
समाज कल्याण अधिकारी रेनू को अध्यक्ष ने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जी आवेदन करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक ही पहुंचे, यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। बैठक के बाद अध्यक्ष और सदस्य ने जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल चंद्र के साथ डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय, महिला विभाग का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने महिला रोगियों से बातचीत की और चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया।
इसके पश्चात उन्होंने जिला कारागार, फतेहगढ़ का दौरा किया, जहां महिला बंदियों से मिलकर उनकी समस्याएं जानी और आवश्यक सुधारों के निर्देश दिए। फर्रुखाबाद जाते समय मार्ग में एक सड़क दुर्घटना में घायल बुजुर्ग को देखकर डॉ. बबीता सिंह चौहान ने तुरंत मानवता का परिचय देते हुए अपने पुलिस एस्कॉर्ट वाहन से बुजुर्ग को अस्पताल भिजवाया और समय पर उपचार सुनिश्चित कराया। इस मानवीय कार्य की सराहना की जा रही है।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार सदर, सीओ सिटी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, तथा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। यह जनसुनवाई कार्यक्रम महिला अधिकारों को संरक्षण देने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ। कार्यक्रम ने न केवल प्रशासनिक तत्परता की झलक दी, बल्कि महिला आयोग की संवेदनशीलता और सक्रियता को भी सामने रखा।