*तियानजिन (चीन)।* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रविवार को तियानजिन में 50 मिनट लंबी द्विपक्षीय बैठक हुई। सात साल बाद चीन पहुंचे मोदी और जिनपिंग की इस मुलाकात को गलवान झड़प (जून 2020) के बाद दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत और चीन के सहयोग से 2.8 अरब लोगों को लाभ होगा और यह मानवता के कल्याण का रास्ता खोलेगा। मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा और भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें दोबारा शुरू होने का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच समझौते से रिश्ते बेहतर हुए हैं।

जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन दुनिया की दो सबसे पुरानी सभ्यताएं हैं और ग्लोबल साउथ के अहम सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा, “ड्रैगन और हाथी को साथ आना चाहिए। दोनों देशों को साझेदार बनकर एक-दूसरे की सफलता में सहायक होना चाहिए।”

प्रधानमंत्री मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की सफल अध्यक्षता के लिए चीन को बधाई दी और बैठक के लिए आमंत्रण देने पर आभार व्यक्त किया।

*SCO समिट का आगाज़*
मोदी आज तियानजिन में हो रही SCO समिट में शामिल होंगे। यह अब तक की सबसे बड़ी SCO बैठक है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता मौजूद हैं। सोमवार को मोदी की मुलाकात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी होगी।

*अन्य घटनाक्रम*

* नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जिनपिंग के साथ बैठक में लिपुलेख ट्रेड रूट का मुद्दा उठाया और इसे नेपाल का हिस्सा बताया।
* इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो विरोध प्रदर्शनों के चलते चीन नहीं पहुंचे।
* रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 3 उप प्रधानमंत्रियों और 12 मंत्रियों के साथ चीन पहुंचे हैं और वे बीजिंग में होने वाली सैन्य परेड में भी हिस्सा लेंगे।

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