– शाही इमाम की अगुवाई में सम्पन्न हुआ भव्य कार्यक्रम, मोहम्मद आरिफ की पहल की सराहना
पीलीभीत, ब्यूरो। नगर स्थित ऐतिहासिक सूफी संत हज़रत शाहजी मियां की दरगाह पर रविवार को एक भव्य एवं रुहानी कार्यक्रम के तहत चादरपोशी की रस्म अदा की गई। कार्यक्रम समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आरिफ की जानिब से आयोजित किया गया, जिसमें नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में समाजसेवी, धार्मिक, राजनीतिक व प्रबुद्ध जनों ने भाग लिया।
दरगाह पर चादर चढ़ाकर मुल्क की तरक्की, इंसानियत, भाईचारे और अमन-शांति की दुआएं की गईं। इस दौरान दरगाह परिसर सूफियाना कलामों, नात-ए-पाक और कुरआनी आयतों की रूहानी आवाज़ से सराबोर रहा। पूरे माहौल में एक अद्भुत आध्यात्मिकता और प्रेम का संदेश महसूस किया गया।
शाही इमाम ने दिया मोहब्बत और एकता का पैगाम
कार्यक्रम की अगुवाई शाही इमाम इजहार अहमद खां बरकाती ने की। उन्होंने कहा कि सूफी परंपरा हमें आपसी मोहब्बत, मेलजोल और इंसानियत का पैगाम देती है। दरगाहें केवल इबादत के लिए नहीं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का मरकज़ होती हैं। उन्होंने लोगों से आपसी मतभेद भुलाकर मिल-जुलकर जीवन जीने का आह्वान किया।
प्रमुख लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर नगर के प्रमुख सामाजिक एवं राजनीतिक चेहरे उपस्थित रहे, जिनमें सैयद शाकिर अली एडवोकेट (सदर), सिराज बहादुर खान (सचिव), एडवोकेट रशीद कादरी, नाहिद खां, आसिफ अली कादरी, हाजी असगर नूर, राजेंद्र सिंह फौजी, अकबर अहमद अंसारी, अफजल खान (आढ़ती), इकरार मियां, निज़ाकत अलवी (सभासद), नफीस खां, मोईन खां, आरिफ हज़रत खां, अरशान खां, हाफिज़ अमान, हाफिज़ इमरान, हाफिज़ फहीम, हाफिज़ सईद गुफरान, आलम लियाक़ती, और नाज़िम खां का नाम प्रमुख रूप से शामिल रहा।
भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक बना आयोजन
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ सपा नेता मोहम्मद आरिफ की ओर से दरगाह पर चादर चढ़ाई गई। प्रतिभागियों और स्थानीय लोगों ने इस पहल की भरपूर सराहना की। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे को मज़बूती प्रदान करते हैं।
प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाएं
“ऐसे आयोजनों से इंसानियत ज़िंदा रहती है। आरिफ साहब ने जो पहल की है, वह काबिले तारीफ है।”
– सैयद शाकिर अली एडवोकेट, प्रतिभागी“शाहजी मियां की दरगाह पर हाज़िरी देकर मन को सुकून मिला। अमन और भाईचारे की यही मिसाल है।”
– राजेंद्र सिंह फौजी, प्रतिभागी
कार्यक्रम के दौरान लोग एक-दूसरे से गले मिलते नजर आए और प्रेम, सौहार्द व एकता का संदेश जन-जन तक पहुंचा। दरगाह परिसर में रूहानी वातावरण देर शाम तक बना रहा।