गोण्डा: योगी सरकार भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर एक तरफ जहां जीरो टॉलरेंस की बात करती है,वहीं उनके मातहत अधिकारी सरकार के इस नीति को ठेंगा दिखाते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं इस लूट में सरकारी मशीनरी के अलावा कहीं न कहीं चुने हुए जनप्रतिनिधि भी बराबर के हिस्सेदार हैं।
मामला वजीरगंज ब्लॉ क के नयपुर गांव में इन दिनों मनरेगा योजना में डबल रोल का खेल करके धांधली की बात सामने आ रही है।वजीरगंज ब्लॉक में रोजाना कोई न कोई नया मामला भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है।ताजा मामला ग्राम पंचायत खान पुर,रायपुर,साहिबपुर,रायपुर और नौबस्ता ग्राम पंचायत में फर्जी फोटो लेकर कई मस्टररोल अपलोड की जा रही है।
नयपुर गाँव में एक कार्य के लिए 107 मजदूर,और खानपुर में 123,रायपुर में 77 अशोकपुर गोपालपुर 97 साहिबपुर में 58 श्रमिकों की फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है।जहाँ अधिकारियों की उदा सीनता का आलम यह है कि श्रमिकों की ओर से किए गए कार्यों का आंकलन भी सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं।कार्यस्थल पर जिस प्रकार से काम कराया जा रहा है।उसे देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक श्रमिक दिनभर में कितना काम कर रहा है।यह पूरा खेल सिर्फ मानव दिवस बढ़ाने के चक्कर में किया जा रहा है।
औसत बनाने के चक्कर में फर्जी मस्टररोल जारी कर मानव दिवस बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।वही रोजगार सेवक मनरेगा पोर्टल पर श्रमिकों की फर्जी फोटो को बार-बार अप लोड क़र फर्जी क़र फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है।वही बड़ी हैरत कि बात यह है कि क्या कार्य का सत्यापन करने वाले जिम्मेदार अधि कारी डीसी मनरेगा एपीओ और तकनीकी सहायक आंख बंद करके सत्यापन कर दे रहे हैं।