झांसी: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST) विभाग के अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सीबीआई, लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम ने सीजीएसटी की डिप्टी कमिश्नर प्रभा भंडारी, दो टैक्स अधीक्षकों समेत कुल पांच लोगों को 70 लाख रुपये की घूस लेते हुए दबोचा है। इस कार्रवाई के दौरान विभिन्न ठिकानों से करीब 1.70 करोड़ रुपये नकद, चांदी के बार, सोने के जेवरात और कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, झांसी में जय दुर्गा हार्डवेयर नामक दुकान के संचालक कारोबारी राजू मंगतानी से टैक्स मामले को रफा-दफा करने के एवज में 1.50 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। इस सौदे में सीजीएसटी डिप्टी कमिश्नर प्रभा भंडारी, टैक्स अधीक्षक अनिल तिवारी और अजय कुमार शर्मा के अलावा अधिवक्ता नरेश कुमार गुप्ता की भी भूमिका सामने आई है। गोपनीय सूचना के आधार पर सीबीआई ने पूरी योजना बनाकर झांसी में जाल बिछाया और कारोबारी के जरिए घूस की रकम दिलवाते हुए दोनों अधीक्षकों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
दो अधीक्षकों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम ने डिप्टी कमिश्नर समेत सभी आरोपियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। छानबीन के दौरान आरोपियों के आवासों, अलमारियों और बैंक लॉकर से करीब 90 लाख रुपये नकद, चांदी के बार, सोने के जेवरात और कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए। सीबीआई का कहना है कि इन दस्तावेजों के आधार पर आय से अधिक संपत्ति के पहलू की भी जांच की जा रही है।
बुधवार को सीबीआई की टीम ने सभी गिरफ्तार आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया, जिसके बाद उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ले जाने की तैयारी की जा रही है। इस बीच यह भी सामने आया है कि छापे के दौरान डिप्टी कमिश्नर प्रभा भंडारी दिल्ली में थीं। इसकी जानकारी मिलने पर सीबीआई अधिकारियों ने उनसे संपर्क कर तत्काल झांसी आने को कहा है। हालांकि खबर लिखे जाने तक वह झांसी नहीं पहुंची थीं। सीबीआई की टीम ने उनके झांसी स्थित आवास की तलाशी ली है और उनके लौटने के बाद बैंक लॉकर समेत अन्य ठिकानों की भी गहन जांच की जाएगी।
सीबीआई की इस कार्रवाई से झांसी समेत पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई इस सख्त कार्रवाई को प्रशासनिक हलकों में एक बड़ा संदेश माना जा रहा है, वहीं सीजीएसटी विभाग के भीतर भी इस घटना के बाद अफसरों में खलबली देखी जा रही है।


