नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अनिल अंबानी एडीए ग्रुप की कंपनियों रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) तथा यस बैंक और उसके पूर्व सीईओ राणा कपूर के परिवार की कंपनियों के बीच हुए कथित फर्जी लेन-देन मामले में दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं।
सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जांच में सामने आया है कि वर्ष 2017 में यस बैंक ने आरसीएफएल में 2045 करोड़ रुपये और आरएचएफएल में 2965 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह निवेश राणा कपूर की मंजूरी से हुआ, जबकि उस समय केयर रेटिंग्स ने एडीए ग्रुप की कंपनियों को निगरानी में रखा था क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही थी।
जांच एजेंसी के अनुसार, राणा कपूर और अनिल अंबानी के बीच साजिश रची गई थी। राणा कपूर ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करते हुए सार्वजनिक धन को आर्थिक संकट से जूझ रही एडीए ग्रुप की कंपनियों में लगाया। इसके बदले एडीए ग्रुप ने राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर और बेटियां राधा व रोशनी कपूर की कंपनियों को रियायती दरों पर ऋण और निवेश दिलवाए। इस धोखाधड़ी से यस बैंक को लगभग 2796.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सीबीआई ने यह भी बताया कि रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड्स ने अनिल अंबानी के निर्देश पर 2017-18 में राणा कपूर की परिवारिक कंपनी मॉर्गेन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड में 1160 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके अलावा रिलायंस निप्पॉन ने यस बैंक से एडीए ग्रुप के डिबेंचर भी 249.80 करोड़ रुपये में खरीदे।
गौरतलब है कि यह आपराधिक मामले वर्ष 2022 में यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी की शिकायत पर दर्ज किए गए थे। अब सीबीआई की विस्तृत जांच के बाद आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर दिया गया है।