नई दिल्ली: अलग-अलग बैंक से धोखाधड़ी मामलों (bank fraud case) में 15 साल से पुलिस की आंखो में धूल झोंक कर फरार चल रहे एक ही परिवार के चार सदस्यों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज सोमवार को गिरफ्तार (arrested) कर लिया है। सीबीआई ने इनकी गिरफ़्तारी के लिए ₹1 लाख रूपये का इनाम भी रखा था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान राजकुमार चूरेवाल, माधव चूरेवाल, दीपक चूरेवाल और राजेश चूरेवाल के रूप में हुई है।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजकुमार चूरेवाल और माधव चूरेवाल को बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया था, जबकि अन्य दो को 2010 में भगोड़ा घोषित किया गया था। परिवार के एक अन्य सदस्य, सुरेंद्र कुमार चूरेवाल, जिन्हें भी भगोड़ा घोषित किया गया था, अब कथित तौर पर मृत हो चुके हैं।
छिपने के दौरान, आरोपियों ने कथित तौर पर फर्जी नामों से जाली सरकारी दस्तावेज प्राप्त करके अपनी असली पहचान छिपाई। लंबे समय से फरार रहने के कारण, सीबीआई ने उनमें से प्रत्येक पर ₹1 लाख का नकद इनाम घोषित किया था। हाल ही में, उनके वर्तमान उपनामों और आवासीय पतों के बारे में नए सुराग सफलतापूर्वक सामने आए।
इस खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, कोलकाता स्थित सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओबी) की टीमों ने रविवार को समन्वित अभियान शुरू किया। इसके परिणामस्वरूप नागपुर के दो अलग-अलग स्थानों से राजकुमार चुरेवाल, माधव चुरेवाल और दीपक चुरेवाल, और छत्रपति संभाजी नगर से राजेश चुरेवाल को गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों को कोलकाता की सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। इसके अलावा, सीबीआई उनके खिलाफ राज्य पुलिस में धोखाधड़ी और जालसाजी सहित अन्य आरोपों में एक नया मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में है। यह भी पता चला है कि आरोपियों ने अपनी फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके बैंक ऑफ इंडिया से एक और ऋण लिया था, जिसे बाद में उन्होंने चुकाया नहीं।