– मोबाइल कवर बेचकर गुज़ारा करने वाले युवक को बेरहमी से पीटा गया, अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी
– यूथ इंडिया ने जताई कड़ी नाराज़गी
नई दिल्ली (यूथ इंडिया): राजधानी दिल्ली के मंडावली थाना क्षेत्र में सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों की सरेआम धज्जियां उड़ाने वाली घटना सामने आई है। एक भीम आर्मी कार्यकर्ता, जो मोबाइल कवर की छोटी सी दुकान चलाकर अपने परिवार का गुज़ारा करता है, को कुछ दबंगों ने बेरहमी से पीटा और सरेआम गोली मारने की धमकी दी।
यह घटना न सिर्फ जातिगत विद्वेष और सामाजिक भेदभाव की भयावह तस्वीर पेश करती है, बल्कि दिल्ली जैसे महानगर में कानून व्यवस्था की वास्तविकता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।
पीड़ित युवक मंडावली क्षेत्र में सड़क किनारे मोबाइल कवर बेचता है। कुछ असामाजिक तत्वों ने उसे जातिसूचक गालियां दीं और मारपीट की। मारपीट के दौरान उसे गोली मारने की धमकी भी दी गई। आसपास के लोग डर के मारे मूकदर्शक बने रहे।
सबसे चौंकाने वाली और शर्मनाक बात यह है कि घटना को कई दिन बीत जाने के बावजूद अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ित और उसका परिवार अब भी दहशत में है, लेकिन प्रशासनिक रवैया बेहद ढीला है।
लोगों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए दिल्ली सरकार और पुलिस प्रशासन से त्वरित न्याय की मांग की है। संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा है:
“हम जातिगत हमलों को सहन नहीं करेंगे। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि संविधान और मानवता पर हमला है। प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी होगी।”
यह घटना एक बार फिर यह बताती है कि दलितों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ सामाजिक उत्पीड़न अभी भी जीवित है। दिल्ली जैसे शिक्षित और प्रगतिशील माने जाने वाले शहर में जब इस तरह की घटनाएं होती हैं और आरोपी खुलेआम घूमते हैं, तो यह न्याय प्रणाली की निष्क्रियता और संवेदनशीलता की कमी का प्रतीक बन जाती है।
“न्याय तभी जीवित है, जब वह गरीब और कमजोर को भी तुरंत मिले। वरना कानून किताबों में रह जाएगा और अत्याचार सड़कों पर।”