फर्रुखाबाद: कांग्रेस अनुसूचित प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार राकेश कुमार सागर ने कहा कि SIR में वोटर कार्ड धारक द्वारा फार्म भर कर अपने वोटर कार्ड (voter card) की सत्यता प्रमाणि कराना गैर जरूरी व असंवैधानिक है।
उन्होने कहा की चुनाव आयोग नागरिकों को पूर्व में जारी किए गये वोटर कार्ड को तब तक केंसिल नहीं कर सकता जब तक कि नागरिक की मृत्यु न हो जाए या देशद्रोह के जुर्म में सजायाफ्ता न हो जाए अथवा स्थाई पता चेंज होने पर नागरिक द्वारा अपने नए पते पर नया कार्ड बनवाने हेतु आवेदन एवं पुराना कार्ड खारिज करने हेतु आवेदन न किया गया हो ।
तब चुनाव आयोग पूर्व में जारी किए गए कार्ड को उक्त परिस्थितियों के बिगैर जिंदा वोटर कार्डधारकों के कार्ड कैसे खारिज कर सकता है। उन्होंने कहा कि बिना किसी फिजीकल जांच किए,उचित गवाही वअन्य जरूरी दस्तावेजी प्रमाणों के अभाव में ऐसा नहीं किया जा सकता।
सागर ने कहा कि एस आई आर पूर्ण असंवैधानिक प्रक्रिया है जो इरादतन विपक्ष को पड़ने वाले वोट भारी संख्या में वोटर लिस्ट से डिलीट कर उसे चुनाव में शिकस्त देने एवं सत्ता धारी दल को अपनी सत्ता कायम रखने हेतु लोकतंत्र का गला घोंटने की प्रक्रिया है।
वोट डालना जब हर व्यस्क नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार है और इसके लिए उसे वोटर कार्ड जारी करना चुनाव आयोग के जरिए केंद्र/राज्य सरकारों का काम है।, तब सरकार ऐ आई आर जैसी किसी भी प्रक्रिया के जरिए जीवित नागरिक का वोट कैसे काट सकती है? जब तक कि उसने ऐसा करने हेतु स्वत: आवेदन न किया हो ।
यह प्रक्रिया स्वयं में एक बडा घोटाला है जो व्यापक रूप से वोट डिलीशन कर लोकतंत्र व संविधान का गला घोंट कर सत्ता पर काबिज बने रहने हेतु सरकार द्वारा किया जा रहा है । जिन राज्यों में एस आई आर हुआ वहाँ भारी संख्या में जीवित लोगों का वोट डिलीशन हुआ है । ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को असंवैधानिक एस आई आर के जरिए लोकतंत्र की हत्या किए जाने को संज्ञान लेकर तत्काल रोक लगा कर लोकतंत्र एवं संविधान सहित नागरिकों के वोट के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए ।


