लखनऊ। राजधानी में घर, दुकान या जमीन खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए 1 अगस्त की तारीख बड़ा झटका लेकर आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ में नए सर्किल रेट लागू कर दिए हैं, जिसके चलते अब हर प्रकार की संपत्ति की खरीद-फरोख्त पहले से ज्यादा महंगी हो गई है।
राजस्व विभाग की अधिसूचना के मुताबिक अब कृषि भूमि, व्यावसायिक भूमि, बहुमंजिला इमारतों और आवासीय भूखंडों पर औसतन 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। नए नियमों के तहत कृषि भूमि पर 15 प्रतिशत, व्यावसायिक भूखंडों पर 25 प्रतिशत और बहुमंजिला इमारतों पर 20 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है, जिससे संपत्ति की कुल लागत में भारी वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर यह होगा कि जमीन, फ्लैट या दुकान की रजिस्ट्री कराते समय अब खरीदारों को पहले की तुलना में कहीं अधिक स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क देना पड़ेगा।शहर के रियल एस्टेट सेक्टर में इस फैसले के बाद हलचल बढ़ गई है।
कई बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों ने कहा कि सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब पहले से ही रियल एस्टेट बाजार में मंदी का माहौल है और आम जनता आर्थिक दबाव से गुजर रही है। मध्यम वर्गीय और निम्न आय वर्ग के लोग, जो वर्षों से अपने आशियाने के सपने संजोए बैठे थे, उन्हें अब इस फैसले के चलते दोबारा सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन का तर्क है कि लखनऊ में प्रॉपर्टी की बाजार दरों में बीते वर्षों में काफी तेजी आई है, लेकिन सर्किल रेट में संशोधन लंबे समय से नहीं किया गया था, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा था। अब इन दरों को बाजार के अनुरूप किया गया है ताकि स्टांप शुल्क की वसूली और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
हालांकि आम लोगों और रियल एस्टेट कारोबारियों का कहना है कि इस निर्णय से प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया आम आदमी के लिए और भी कठिन हो जाएगी। नए सर्किल रेट लागू होने के साथ ही रजिस्ट्री कराने वालों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा और लाखों रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ सकते हैं।
शहर के विभिन्न इलाकों में पहले ही प्रॉपर्टी की कीमतें ऊंची थीं, अब सरकारी दरें बढ़ने से लोगों का सपना और महंगा हो गया है। खरीदारों के साथ-साथ विक्रेताओं के लिए भी यह नई चुनौती बनकर सामने आया है।