ढाका। पूर्व पीएम शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद उनके विरोधी उनकी और उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) की विरासत को तबाह करने में जुटे हैं। तख्तापलट के बाद बांग्लादेश के संस्थापक और राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को कट्टरपंथियों ने तोड़ दिया था। वहीं, अब उनके घर पर बुलडोजर चलाए जाने की घटना सामने आयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में शेख हसीना के विरोधी कट्टरपंथियों ने बुधवार को उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान के धानमंडी इलाके में स्मारक और आवास पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। इसके बाद गुरुवार सुबह उनके आवास पर बुलडोजर चला दिया गया है। इस मौके पर एक प्रदर्शनकारी के हाथ में फिलिस्तीनी झंडा भी दिखाई पड़ा। इस घटना को ऐसे वक्त पर अंजाम दिया गया है जब शेख हसीना लोगों को संबोधित करने की तैयारी कर रही थीं।
उपद्रवी शेख रहमान की बनाई आवामी लीग पर बैन की मांग कर रही है। इससे पहले सोशल मीडिया पर ‘बुलडोजर जुलूस’ की अपील की जा रही थी। पीटीआई भाषा के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित घर के सामने हजारों लोग शाम से ही एकत्र हो गए थे। इस घर को पहले एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया था। शेख हसीना का संबोधन स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे होने वाला था।
पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने संबोधन में देशवासियों से वर्तमान शासन के खिलाफ संगठित प्रतिरोध करने का आह्वान किया। हसीना ने यूनुस सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर अर्जित किया है।’ उन्होंने कहा, ‘वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।’