फर्रुखाबाद: थाना नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम बघौना में हुए हमले के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी जीजा को दोषी करार देते हुए दो साल के कारावास की सजा (Punishment) सुनाई है। वहीं, साक्ष्य के अभाव में दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया।
पीड़ित पक्ष की ओर से ग्राम बघौना निवासी सुनील कुमार पुत्र मलखान सिंह ने अपने भाई प्रदीप पर हुए हमले को लेकर गैर इरादतन हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि सुनील की बहन मनसा देवी की शादी 13 वर्ष पूर्व जनपद मैनपुरी के थाना कुसमरा अंतर्गत ग्राम भदेही निवासी राम प्रकाश के पुत्र बब्बन से हुई थी।
शादी के कुछ समय बाद से ही बब्बन का व्यवहार बिगड़ने लगा। वह गलत संगत में पड़ गया, जिसका मनसा ने विरोध किया। इसके चलते बब्बन ने मनसा के साथ मारपीट की और उसे ससुराल से भगा दिया। परिजनों द्वारा पंचायत के जरिए समझौता कर मनसा को दोबारा ससुराल भेजा गया, लेकिन बब्बन ने फिर से उसे घर से निकाल दिया।
इसी बात को लेकर प्रदीप ने अपने बहनोई बब्बन को फटकार लगाई, जिससे वह रंजिश में आ गया। आरोप है कि इसी रंजिश के चलते रात करीब 11:30 बजे बब्बन अपने साथियों संजू और सुभाष के साथ प्रदीप के घर आया, जहां प्रदीप बाहर सो रहा था। तीनों ने धारदार हथियारों से प्रदीप पर हमला कर दिया। शोर-शराबा सुनकर जब परिजन मौके पर पहुंचे, तो आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए।
घटना में गंभीर रूप से घायल प्रदीप को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने बब्बन, संजू और सुभाष के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था। विवेचक द्वारा जांच के बाद न्यायालय में तीनों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया गया।
मामले की सुनवाई करते हुए जिला जज नीरज कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें और गवाहों के बयान सुनने के बाद बब्बन को हमले का दोषी मानते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि, उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के प्रयास का आरोप साबित नहीं हो सका। वहीं, साक्ष्य के अभाव में आरोपी संजू और सुभाष को दोषमुक्त करार दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह और पंकज कटियार ने कोर्ट में पक्ष रखा और सजा की मांग की।


