ब्राज़ील की सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो को 27 साल 3 महीने की सजा

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ब्राज़ीलिया। ब्राज़ील की सुप्रीम फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को देश के इतिहास का सबसे बड़ा और कड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो को 27 साल और तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने यह फैसला 2022 के चुनाव हारने के बाद लोकतंत्र को पलटने और सत्ता हथियाने की साजिश के आरोपों में सुनाया। यह पहली बार है जब ब्राज़ील में किसी पूर्व राष्ट्रपति को संवैधानिक व्यवस्था को चुनौती देने के अपराध में इतनी कठोर सजा दी गई है।
अदालत ने बोल्सोनारो को चार गंभीर आरोपों में दोषी पाया—
1. लोकतंत्र और संवैधानिक कानून व्यवस्था को हिंसात्मक तरीके से समाप्त करने की कोशिश।
2. एक सशस्त्र आपराधिक संगठन का नेतृत्व करना।
3. तख्तापलट की साजिश रचना, जिसके जरिए राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा की वैध जीत को पलटने की योजना थी।
4. सरकारी संपत्ति और सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुँचाना।
इन मामलों में बोल्सोनारो के साथ-साथ उनके कई पुराने सहयोगियों, पूर्व मंत्रियों और कुछ सैन्य अधिकारियों पर भी मुकदमे चलाए गए हैं।
यह ऐतिहासिक फैसला सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय पैनल ने सुनाया। इनमें चार न्यायाधीशों ने बोल्सोनारो को दोषी ठहराने का समर्थन किया, जबकि एक न्यायाधीश ने उन्हें बरी करने की राय दी। अदालत ने साफ किया कि सजा की शुरुआत बंद (कैद) व्यवस्था से होगी।
फिलहाल बोल्सोनारो नजरबंद हैं और उन्हें उच्च न्यायालय (पूर्ण सुप्रीम कोर्ट) में अपील का अधिकार है।
इस फैसले ने ब्राज़ील की राजनीति में भूचाल ला दिया है। जहां बोल्सोनारो के विरोधी इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए न्यायपालिका की जीत मान रहे हैं, वहीं उनके समर्थक इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दे रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सजा सिर्फ जेल की अवधि तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ब्राज़ील की राजनीति को लंबे समय तक प्रभावित करेगी। बोल्सोनारो पहले ही कई मामलों में चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित हो चुके हैं। अब इस फैसले के बाद उनके 2026 के राष्ट्रपति चुनावों में वापसी की संभावना लगभग खत्म हो गई है।
ब्राज़ील के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को लोकतांत्रिक व्यवस्था को पलटने के अपराध में दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई है। यह न सिर्फ देश की राजनीति में नया अध्याय खोलेगा बल्कि भविष्य में सत्ता और कानून व्यवस्था से जुड़े नेताओं के लिए एक सख्त चेतावनी भी साबित होगा।

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