लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल तब बढ़ गई जब कैसरगंज से भाजपा सांसद करण भूषण सिंह और गोंडा के विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) से लखनऊ में भेंट की। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) खुद चार दिन पहले ही सीएम योगी से मिले थे।
सांसद करण भूषण सिंह हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में पहली बार संसद पहुंचे हैं। उन्होंने अपने पिता और छह बार के सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया है। वहीं उनके भाई प्रतीक भूषण सिंह गोंडा सदर से विधायक हैं। दोनों नेताओं की एक साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात को सामान्य शिष्टाचार भी माना जा रहा है, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा।
गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह पिछले कुछ समय से विभिन्न विवादों और कानूनी मामलों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। हालांकि पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट न देकर उनके बेटे को प्रत्याशी बनाया था, जो जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद से ही यह चर्चा बनी हुई है कि भाजपा नेतृत्व बृजभूषण परिवार को संगठन या सरकार में क्या भूमिका देगा। अब जब पिता और दोनों बेटे अलग-अलग समय पर मुख्यमंत्री योगी से मिल चुके हैं, तो यह मुलाकातें आगामी मंत्रिमंडल विस्तार, संगठनात्मक बदलाव या क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर की गई रणनीतिक बैठकों के रूप में भी देखी जा रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बृजभूषण शरण सिंह के प्रभाव वाले गोंडा-बहराइच क्षेत्र में भाजपा उन्हें पूरी तरह अलग नहीं कर सकती, क्योंकि वहां उनका मजबूत जनाधार और राजनीतिक पकड़ बनी हुई है। ऐसे में यह मुलाकातें भाजपा की भावी रणनीति का हिस्सा हो सकती हैं, जहां बृजभूषण परिवार को किसी नई भूमिका में आगे लाने की तैयारी चल रही हो। हालांकि, अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय या भाजपा की ओर से इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन प्रदेश की सियासी हलचल में इस बैठक को गंभीरता से देखा जा रहा है।