…प्रशांत कटियार
सुबह की हल्की धूप, एक सामान्य सा घर, और उस घर के बाहर राजमिस्त्री के साथ एक व्यक्ति जो अब भाजपा जैसे विशाल संगठन के जिलाध्यक्ष हैं। यह कोई सामान्य दृश्य नहीं था, लेकिन फतेहचंद्र वर्मा की सादगी को जानने वालों के लिए यह चौंकाने वाला भी नहीं था। फर्रुखाबाद ज़िले के नए भाजपा जिलाध्यक्ष से जब हमने(प्रशांत कटियार) आत्मीय बातचीत की, तो हर जवाब में सादगी, दूरदर्शिता और संगठन के प्रति समर्पण की झलक साफ़ नज़र आई। प्रस्तुत हैं इस विशेष मुलाकात के प्रमुख अंश।
प्रश्न 1: सर, सबसे पहले आपको बहुत-बहुत बधाई। आज सुबह जब हम मिलने पहुंचे तो आपने हमें चौंका दिया—राजमिस्त्री के साथ काम करते देख। जिलाध्यक्ष बनने के बाद भी ये सादगी क्यों?
फतेहचंद्र वर्मा: (हंसते हुए) बहुत धन्यवाद। दरअसल, मैं कभी खुद को पद के आधार पर नहीं आंकता। मेरे संस्कार शिक्षक वाले हैं, और मूल भावना हमेशा स्वावलंबन की रही है। मेरे घर पर कुछ काम चल रहा है, तो सोचा क्यों न खुद भी देख लिया जाए। ये तो मेरी दिनचर्या का हिस्सा है।
प्रश्न 2: आपके पास संगठनात्मक अनुभव भी है और पारिवारिक रणनीति भी, जैसे आपने अपने भाई की पत्नी को कमालगंज ब्लॉक प्रमुख बनवाया। क्या ये नेतृत्व की रणनीति का हिस्सा है?
उत्तर: बिल्कुल। राजनीति में परिवार से ज्यादा संगठन और समाज की ज़रूरतों को समझना ज़रूरी होता है। अगर कोई योग्य है, और समाजहित में काम करने की क्षमता रखता है, तो उसे आगे लाना नेतृत्व का ही हिस्सा है। मेरे भाई की पत्नी कर्मठ हैं, और कमालगंज में अच्छा काम कर रही हैं।
प्रश्न 3: आप पूर्व जिला पंचायत सदस्य और पूर्व जिला महामंत्री रहे हैं। अब जिलाध्यक्ष बनने का अनुभव कैसा है?
उत्तर: यह दायित्व बहुत बड़ा है। जिला महामंत्री रहते मैंने संगठन की बुनियाद को नजदीक से समझा। पंचायत सदस्य के रूप में आम जनता की समस्याएं जानीं। अब जिलाध्यक्ष के रूप में दोनों अनुभवों को मिलाकर कार्य करूंगा। मेरा उद्देश्य है हर कार्यकर्ता को सम्मान, हर गांव तक पहुंच और हर मुद्दे पर समाधान।
प्रश्न 4: आप कुछ ही दिन पहले इंटर कॉलेज से प्रवक्ता पद से रिटायर हुए हैं, और हमें गर्व है कि आपने हमें पढ़ाया भी है। क्या शिक्षण और संगठन में कोई समानता है?
(थोड़ा भावुक होते हुए): बहुत अच्छा लगा ये सुनकर कि आप मेरे छात्र रहे हैं। शिक्षक होना मेरा पहला धर्म रहा है। शिक्षक और संगठनकर्ता दोनों में एक बात समान है निर्माण। एक विद्यार्थी का भविष्य बनाना और एक संगठन की रीढ़ मजबूत करना ये दोनों ही सेवा के कार्य हैं।
प्रश्न 5: आपको हमेशा जमीन से जुड़ा हुआ पाया गया है। क्या यही आपकी राजनीतिक ताकत है?
उत्तर: शायद हाँ। जनता अब शोरगुल से नहीं, व्यवहार से जुड़ती है। सादगी, ईमानदारी और हर किसी से संवाद यही मेरी ताकत है। मैं बड़े-बड़े नारों में नहीं, छोटे-छोटे कामों में विश्वास करता हूं।
प्रश्न 6: आगामी पंचायत व विधानसभा चुनावों को लेकर आपकी तैयारी कैसी है?
उत्तर: भाजपा संगठनात्मक रूप से तैयार है। हमारा फोकस बूथ स्तर तक संपर्क, युवाओं को जिम्मेदारी, और हर वर्ग के साथ संवाद पर है। हम मुद्दों पर राजनीति करते हैं, और सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को जमीनी रूप देते हैं।
प्रश्न 7: फर्रुखाबाद के कार्यकर्ताओं और जनता के लिए आपका संदेश?
उत्तर: मैं हर कार्यकर्ता से कहता हूँ आप ही संगठन की आत्मा हो। और जनता से निवेदन है कि मार्गदर्शन दें, आलोचना करें, सुझाव दें। मेरा दरवाजा हर समय हर किसी के लिए खुला है।