लखनऊ: आम आदमी पार्टी (AAP) की यूपी इकाई ने आज गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्य में लगातार हो रहे भर्ती घोटाले साबित करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार (BJP government) पिछड़े वर्गों, दलितों, अल्पसंख्यकों और हर उस गरीब युवा के खिलाफ है जो कड़ी मेहनत से अपना भविष्य बनाना चाहता है। पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पांडेय ने कहा कि 2022 से ही यूपी में भर्ती परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं में व्यापक भ्रष्टाचार व्याप्त है।
उन्होंने कहा, हाल ही में उजागर हुए क्लोन आईडी घोटाले में एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग नामों और दस्तावेजों का इस्तेमाल करके छह अलग-अलग जिलों में नौकरियां हासिल कीं। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक शाखा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद की भर्तियों में 20 प्रतिशत नौकरियां सीधे अधिकारियों, नेताओं और परीक्षा आयोजित करने वालों के रिश्तेदारों को मिलीं।
पांडे ने कहा, हाईकोर्ट ने पूरे मामले को ‘भर्ती घोटाला’ बताते हुए सरकार को फटकार लगाई थी और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर सहकारी समिति की भर्ती प्रक्रिया में नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गईं, जिसमें 27 में से 15 ठाकुर और चार ब्राह्मणों की भर्ती की गई। उन्होंने दावा किया, “ओबीसी और एससी/एसटी के लिए आरक्षण का खुलेआम उल्लंघन किया गया। 17 क्लर्क पदों पर एक भी एससी/एसटी उम्मीदवार की नियुक्ति नहीं की गई, जबकि नियमानुसार चार पदों पर नियुक्ति होनी थी। इसी तरह, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों में भी 15 में से 11 उम्मीदवार ठाकुर निकले।
आप नेता ने कहा कि यह भाजपा की जातिवादी मानसिकता और आरक्षण विरोधी नीतियों का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाले में ज़्यादातर नियुक्तियाँ भाजपा नेताओं और मंत्रियों के रिश्तेदारों की हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और परीक्षा संस्थानों का गठजोड़ युवाओं का भविष्य बर्बाद करने में लगा हुआ है।