– कन्नौज और फर्रुखाबाद में जिलाध्यक्ष पद के चुनाव बने मजाक- जनप्रतिनिधियों के आगे संगठन हुआ बौना साबित
फर्रुखाबाद। भारतीय जनता पार्टी, जिसे सिद्धांतों की पार्टी कहा जाता है, इस बार अपनी कोर कमेटी के निर्णय लीक होने के कारण चर्चा में है। जिला अध्यक्ष पद के संभावित नाम को लेकर जो चर्चा सरेआम हो रही है, उसने पार्टी के अनुशासन और गोपनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां राजनीति में युवा शक्ति को आगे लाने की बात करते हैं, वहीं इस घटना ने भाजपा की नीति और कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
फर्रुखाबाद में भाजपा जिला अध्यक्ष पद के लिए 42 आवेदनों की सूची पहले से तैयार थी। इसके बावजूद अंतिम क्षणों में दो नए आवेदन स्वीकार किए गए। इसके बाद, एक जनप्रतिनिधि के आवास पर हुई बैठक में संभावित नाम को लेकर चर्चा हुई, और वहीं से यह जानकारी लीक हो गई।
चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत कन्नौज और फर्रुखाबाद के 80 वर्षीय वरिष्ठ नेता विंध्यवासिनी कुमार तथा फर्रुखाबाद की जिला चुनाव अधिकारी श्रीमती सुमन चतुर्वेदी की मौजूदगी के बावजूद यह घटना हुई। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं और आम जनमानस में असंतोष बढ़ गया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना को पार्टी की नीति और सिद्धांतों के खिलाफ बताया।आम जनता ने पार्टी के अनुशासन और गोपनीयता पर सवाल उठाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को नेतृत्व में लाने की वकालत करते हैं, लेकिन यहां वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए निर्णय ने इस नीति को कमजोर किया है। इससे पार्टी के भीतर नेतृत्व और कार्यप्रणाली को लेकर असंतोष और विभाजन की स्थिति पैदा हो गई है।
कन्नौज और फर्रुखाबाद में जिला अध्यक्ष पद को लेकर हुई इस अप्रत्याशित घटना ने भाजपा के सिद्धांतों और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी को अपनी छवि सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।