बिजली विभाग में आउटसोर्स कर्मियों की मनमानी हटाने और स्थानांतरण की जांच ठप

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फर्रुखाबाद| बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मियों को मनमाने ढंग से हटाने और स्थायी कर्मियों के स्थानांतरण-पोस्टिंग में कथित अनियमितताओं की जांच फिलहाल ठप पड़ी हुई है। यह जानकारी मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) विनोद कुमार गौड़ ने मीडिया को दी।

जिले के सांसद मुकेश राजपूत ने हाल ही में जिले के प्रभारी एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के समक्ष विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान बिजली विभाग में अनुचित सेवा समाप्ति और मनमाने स्थानांतरण की गंभीर शिकायत उठाई थी। सांसद ने बताया कि कई बार ‘सेटिंग’ के चलते स्थानांतरण आदेश जारी होने के उसी दिन या अगले ही दिन निरस्त कर दिए गए, जिससे कर्मियों में असमंजस और असंतोष की स्थिति पैदा हो गई।

इस मामले में प्रभारी मंत्री के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। समिति में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एआरटीओ, अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन, अधिशासी अभियंता सिंचाई और वरिष्ठ कोषाधिकारी शामिल हैं। समिति का उद्देश्य विभाग में की गई अनियमितताओं की पूरी तरह से जांच कर उनके निष्कर्ष जिलाधिकारी को भेजना है।

सीडीओ विनोद कुमार गौड़ ने बताया कि अब तक बिजली विभाग ने जांच के लिए आवश्यक अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए हैं। अभिलेखों के अभाव में जांच अधूरी रह गई है और किसी भी प्रकार की कार्रवाई फिलहाल संभव नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कमेटी के साथ बैठक कर अधीक्षण अभियंता को सभी आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए अनुस्मारक पत्र भेजा जाएगा। अभिलेख मिलने के बाद ही समिति पूरी जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को कार्रवाई हेतु सौंपेगी।

सीडीओ ने यह भी स्पष्ट किया कि आउटसोर्स कर्मियों को हटाने का कोई ठोस या स्पष्ट आधार विभाग ने अब तक नहीं बताया है। इस मामले ने बिजली विभाग में पारदर्शिता और कर्मचारियों के अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्मचारियों और जनता की नजर अब इस जांच की निष्पक्षता और जल्द पूरी होने पर टिक गई है।

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