– डॉक्टरों पर समय का दबाव गलत, मरीजों को मिलेगा पर्याप्त परामर्श का समय
नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने ओपीडी में मरीजों की गुणवत्ता से सेवा देने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि एम्स की ओपीडी ‘थोक परामर्श’ केंद्र नहीं है। हर मरीज को पूरा समय और उचित इलाज देना एम्स की प्राथमिकता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ओपीडी में डॉक्टरों पर यह दबाव नहीं डाला जाएगा कि वे एक दिन में 100-150 मरीजों को जरूर देखें। यदि कोई डॉक्टर कम मरीज देखता है, लेकिन गुणवत्ता से परामर्श देता है, तो यह ज्यादा बेहतर है। डॉ. श्रीनिवास ने ओपीडी व्यवस्था को मरीज-केंद्रित बनाने पर बल दिया है।
एम्स निदेशक के इस बयान को देश के चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों और डॉक्टरों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो ओपीडी की समयावधि बढ़ाई जाएगी और चिकित्सकों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा।
एम्स देश का सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है और यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में इस नई व्यवस्था से न केवल मरीजों को संतोषजनक सेवा मिलेगी, बल्कि डॉक्टरों को भी मानसिक दबाव से मुक्ति मिलेगी।