– रेलवे बोर्ड ने जारी किया आदेश, बाहर इलाज कराने पर नहीं मिलेगा खर्च
नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा सेवाएं देने को लेकर नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब केवल 33 चिन्हित जिलों में ही रेलवे द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह नई गाइडलाइन पूरे देश में प्रभावी होगी।
रेलवे बोर्ड के अनुसार, इन 33 जिलों में ही रेलवे की मेडिकल यूनिट या अस्पताल हैं, जहां स्वास्थ्य सेवाएं जारी रहेंगी। इन जिलों में लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, पटना, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। अन्य जिलों में रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अब बाहर इलाज कराने की अनुमति नहीं होगी और खर्च की प्रतिपूर्ति भी नहीं की जाएगी।
रेलवे कर्मचारी संगठनों ने इस निर्णय का विरोध किया है और इसे भेदभावपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने वर्षों तक रेलवे की सेवा की, उन्हें अब इलाज के लिए 100-200 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा, जो व्यवहारिक नहीं है।
रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यह कदम अनावश्यक खर्च और फर्जी बिलों पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है। हालांकि, बोर्ड ने कहा है कि गंभीर या आपातकालीन स्थिति में विशेष अनुमति के तहत इलाज संभव रहेगा।