भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत की प्रक्रिया जारी है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता और अन्य बैठकें आयोजित करने की तैयारी चल रही है। इन बैठकों में दोनों देशों के बीच कुछ सहमति बन सकती है, जो सीमा प्रबंधन और तनाव कम करने में सहायक होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह तैयारी विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के प्रबंधन पर आधारित है। यह जानकारी पिछले दिनों नई दिल्ली में सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र (WMCC) की बैठक के बाद दी गई है, जिसमें दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की थी।
जायसवाल ने यह भी बताया कि डब्ल्यूएमसीसी बैठक के दौरान दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को लेकर विचार किया। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, अब दोनों देश आगे की वार्ता के तहत तनाव कम करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि विशेष प्रतिनिधियों की बैठक और विदेश सचिव स्तर की बैठक के बाद दोनों देशों के बीच आगे के कदमों पर विचार किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा पर गश्त और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भारतीय पक्ष ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, और जहां भी गश्त की जानी थी, वह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध मई 2020 से शुरू हुआ था, जिसके बाद गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों ने दोनों देशों के रिश्तों में गंभीर तनाव पैदा कर दिया था। हालाँकि, कुछ सप्ताह पहले देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी के बाद स्थिति में सुधार हुआ है, और अब दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की प्रक्रिया जारी है।