लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज मंगलवार को कैबिनेट बैठक की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई इस कैबिनेट (cabinet) बैठक में मंगलवार को 15 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों में प्रशासनिक सुधार से लेकर शिक्षा, परिवहन और उद्योग तक के क्षेत्र शामिल रहे। सबसे अहम फैसला आउटसोर्स कर्मचारियों (outsourced workers) की भर्ती का लिया गया। इस फैसले के बाद योगी सरकार अब ऐसे कर्मचारियों की 3 साल के लिए भर्ती करेगी। 16 में 15 प्रस्तावों पर मंत्री परिषद की सहमति बनी है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में कर्मचारियों की 3 साल के लिए नौकरी होगी, इसके अलावा कर्मियों को आरक्षण और मैटरनिटी लीव की सुविधा भी मिलेगी। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था को मंजूरी दी है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि प्रदेश में इस फैसले से आउटसोर्सिंग के जरिए नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री ने बताया कि आउटसोर्सिंग के लिए एजेंसी का चयन तीन साल के लिए किया जाएगा। आउटसोर्सिंग के लिए एक नया निगम बनाया जाएगा। इस निगम के तहत नियमित पदों पर आउटसोर्सिंग नहीं होगी, बल्कि केवल अनुबंध आधारित पदों पर नियुक्तियां होंगी। इन कर्मचारियों का मानदेय 16,000 से 20,000 रुपये प्रति माह तय किया गया है। कर्मचारियों का वेतन हर महीने सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगा। इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलेगा। इस प्रक्रिया में आरक्षण के नियम लागू होंगे। इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को लाभ मिलेगा।