राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 5 वर्ष पूरे, यूपी में 27.53 लाख बच्चों का नामांकन, शिक्षकों के समायोजन को लेकर भी स्पष्टता
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री (Basic Education Minister) Sandeep Singh और अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की शिक्षा व्यवस्था में चल रहे बदलावों पर विस्तार से जानकारी दी। प्रेस वार्ता का मुख्य फोकस राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), विद्यालयों की पेयरिंग व्यवस्था और शिक्षकों के समायोजन को लेकर था।
एपीसी दीपक कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू हुए 5 वर्ष हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश इस नीति के अनुपालन में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में राज्य की शिक्षा व्यवस्था में “जमीन-आसमान” का अंतर देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत व्यापक सुधार किए गए हैं और वर्तमान में राज्य में 27 लाख 53 हजार बच्चों का नामांकन हुआ है, जो सरकार के प्रयासों का प्रमाण है।
संदीप सिंह ने कहा कि “स्कूलों की पेयरिंग इस समय शिक्षा जगत में सबसे बड़ा चर्चा का विषय है। हमने इस पर काफी विचार और समीक्षा की है।” उन्होंने बताया:
50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को पेयर किया जा रहा है।
एक किलोमीटर से अधिक दूरी वाले विद्यालयों को पेयर नहीं किया जा रहा।
पेयरिंग प्रक्रिया में 10000 विद्यालयों की पहचान की गई थी।
इस मॉडल को पहले से राजस्थान (20000 स्कूल) और मध्य प्रदेश (36000 स्कूल) में लागू किया जा चुका है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों का कोई पद समाप्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “इस प्रक्रिया में किसी भी शिक्षक को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा और जिन विद्यालयों को पेयर किया गया है, उनमें प्री-प्राइमरी एवं बाल वाटिका की गतिविधियां संचालित की जाएंगी।”
प्रेस वार्ता में बताया गया कि 20000 शिक्षकों का समायोजन उनकी सहमति से किया गया है। साथ ही, महिला शिक्षामित्रों को उनके निकटतम विद्यालय में तैनात करने की विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें अनावश्यक दूरी तय न करनी पड़े। मंत्री संदीप सिंह ने यह भी कहा कि अभिभावकों की शिकायतों को सभी जिलों में गंभीरता से सुना जा रहा है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “हमारे विरोधियों के समय में शिक्षा व्यवस्था स्ट्रेचर पर पहुंच गई थी, जिसे अब हमने ICU से निकालकर ठीक किया है।”