लखनऊ: इन्वेस्ट यूपी और डिफेंस कॉरिडोर घोटाले में निलंबित IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash) बुरी तरह से फंस चुके है। निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को संगीन आरोपों पर आखिरकार चार्जशीट थमा दी गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुमोदन के बाद 400 करोड़ के भ्रष्टाचार (corruption) के आरोपों में घिरे इन्वेस्ट यूपी के पूर्व CEO पर अभिषेक प्रकाश यह कार्रवाई की गई है।
राजस्व परिषद और इन्वेस्ट यूपी से जवाब आने के बाद यह चार्जशीट तैयार की गई है। अभिषेक प्रकाश पर डिफेन्स कॉरिडोर घोटाले और इन्वेस्ट यूपी से जुड़े घूसकांड प्रकरण में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया गया है। निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट में इन्वेस्ट यूपी में निवेशकों से सौदे के नाम पर मोटी घूस लेने के गंभीर आरोप है। इसके अलावा डिफेंस कॉरिडोर परियोजना में भूमि आवंटन एवं अनियमितता की जांच और प्रभावशाली पद पर रहते हुए आर्थिक अनुशासन के उल्लंघन के तथ्य शामिल है।
अभिषेक प्रकाश पर यह मामला लखनऊ के सरोजनीनगर के भटगांव में हुए 58 करोड़ के डिफेन्स कॉरिडोर घोटाले से जुड़ा है। इस मामले में सरोजिनी नगर सब रजिस्टार ऑफिस में तैनात कर्मी, तत्कालीन एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह , एसडीएम संतोष कुमार, शंभू शरण सिंह, आनंद कुमार सिंह,देवेंद्र कुमार सिंह जांच में दोषी पाए गए हैं। चार तत्कालीन तहसीलदार पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। इसके अलावा विजय कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, उमेश कुमार सिंह, मनीष त्रिपाठी, तत्कालीन नायब तहसीलदार, कविता ठाकुर और तत्कालीन लेखपाल हरिश्चंद्र , ज्ञान प्रकाश, तत्कालीन कानूनगो राधेश्याम जितेंद्र सिंह और नैंसी शुक्ला मामले में दोषी है।
आपको बता दें कि, यूपी की राजधानी लखनऊ के पूर्व डीएम और LDA के पूर्व VC रह चुके अभिषेक प्रकाश को घूसखोरी का मामला सामने आने के बाद उन्हें निलंबित किया गया था। आरोप है कि उन्होंने उद्योग लगाने के बदले व्यापारी से पांच प्रतिशत कमीशन यानि रिश्वत की मांग की थी। गोपनीय जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद यह कार्रवाई की गई थी।