विद्युत सखियों ने बदली ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर, यूपी में 2400 करोड़ रुपये से अधिक का बिल संग्रह

0
10

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित विद्युत सखी कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का नया माध्यम बनकर उभर रहा है। विद्युत सखियों ने वर्ष 2020 से अब तक 2400 करोड़ रुपये से अधिक का विद्युत बिल संग्रह कर इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और आर्थिक मजबूती का महत्वपूर्ण संकेत है।

प्रदेश में सबसे अधिक बिल कलेक्शन कर बाराबंकी की राजश्री शुक्ला ने पहला स्थान हासिल किया है, जिन्होंने अकेले 701 लाख रुपये का संग्रह किया। उनके बाद दूसरे स्थान पर अमेठी की सोनी द्विवेदी, जबकि तीसरे स्थान पर रामपुर की मिशार जहां रहीं। दोनों ने अपने जिलों में उल्लेखनीय कार्य करते हुए योजना को मजबूती प्रदान की है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विद्युत सखियों की इस सफलता की सराहना करते हुए कार्यक्रम का दायरा और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल ने न केवल राजस्व संग्रह बढ़ाया है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं में आर्थिक स्वतंत्रता और नेतृत्व क्षमता को भी प्रोत्साहित किया है।

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि विद्युत सखियों की संख्या बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं को समय पर सेवा, पारदर्शी बिलिंग और बेहतर जागरूकता उपलब्ध कराई जाए। योजना से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर बिजली बिल जमा कराने में सहयोग करती हैं, जिससे उपभोक्ताओं का समय बचता है और बिजली विभाग का राजस्व भी मजबूत होता है।

विद्युत सखी योजना का यह बढ़ता प्रभाव ग्रामीण आजीविका मिशन की सफलता का उदाहरण बनते हुए पूरे प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की नई दिशा तय कर रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here