फर्रुखाबाद।मोहम्बदाबाद के भ्रष्ट कोतवाल पर एडीजी के आदेश पर चली जांच में बड़े खुलासे के बाद दर्ज हुए मुकदमे के बाद अब माफिया अनुपम दुबे प्रकरण में करोड़ों की अवैध वसूली के आरोपों के बाद जांच की आंच अब एक इंस्पेक्टर और सिपाही तक पहुंच गई है। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है।
सूत्रों के अनुसार, माफिया अनुपम दुबे से जुड़े प्रकरण में करोड़ों की अवैध वसूली के मामले में पहले ही कोतवाल पर गंभीर आरोप लगे थे। जब यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो एडीजी के आदेश पर विशेष जांच दल गठित किया गया। जांच में कोतवाल की संदिग्ध भूमिका उजागर हुई और अब इस प्रकरण में इंस्पेक्टर और सिपाही की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है।
प्रशासन की स्थिति पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम से स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भ्रष्टाचार और माफियाओं से सांठगांठ की घटनाओं ने पुलिस विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस के ऐसे कृत्य से कानून-व्यवस्था पर भरोसा कमजोर हुआ है।
जांच दल के प्रमुख ने कहा, “हम मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
यह प्रकरण स्थानीय प्रशासन और पुलिस महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों की ओर इशारा करता है। अब देखना यह है कि एडीजी की जांच में दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और क्या माफिया नेटवर्क पर लगाम लगाई जा सकेगी।हालांकि एडीजी आलोक सिंह भी प्रतिनियुक्ति पर प्रदेश से जा रहे हैं,उनके तबादले के बाद जिला स्तर पर बड़े फेरबदल और चौंकाने वाले तथ्य सामने आयेंगे।सरकार में एक बड़े जिम्मेदार के मुताबिक माफिया से जुड़ी कई बातों को शासन स्तर पर गंभीरता से गौर किया जा रहा, गोपनीय तौर पर अजीबोगरीब सच देख आलाधिकारी भी सकते में हैं,नई साल पर नए धमाके शासकीय स्तर पर तय माने जा रहे।