परिषद के सदस्यों ने गायों को अन्न-फल खिला कर की सेवा, बताया गाय को संस्कृति का आधार स्तंभ
फर्रुखाबाद। भारत विकास परिषद, सहयोग शाखा के तत्वावधान में माधौपुर स्थित गौशाला में एक विशेष गौ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में परिषद के सभी सदस्यों ने श्रद्धा और सेवा-भाव से भाग लिया। गायों को माला पहनाकर विधिपूर्वक पूजन किया गया। इसके बाद गायों को फल, सब्जियां, दाना और चारा खिलाया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित परिषद अध्यक्ष श्रीमती रीता दुबे, जिला समन्वयक अजय शंकर तिवारी, वरिष्ठ सदस्य व मार्गदर्शक वीरेंद्र कुमार मिश्रा, राम कुमार वर्मा, संगठन सचिव श्री राजेश चंद्र शुक्ला, संजीव वर्मा, श्रीमती कुमुदिनी तिवारी और संजय दुबे ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और गौसेवा में सहयोग किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि गाय हमारी सनातन संस्कृति की संवाहक है। पुराणों के अनुसार गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है। गंगा, गायत्री और गाय — ये सनातन परंपरा के तीन मुख्य स्तंभ हैं। ऐसे में कलियुग में गाय का पूजन करना सभी देवी-देवताओं के पूजन के समान माना जाता है।
वक्ताओं ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गाय के महत्व को समझाते हुए बताया कि गाय का गोबर, मूत्र, अस्थियाँ — सभी मानव जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। आज जब पर्यावरण संकट, कृषि संकट और नैतिक मूल्यों में गिरावट जैसे मुद्दे सामने हैं, तब गाय आधारित जीवनशैली एक समाधान बन सकती है।
कार्यक्रम के अंत में सभी सदस्यों ने नियमित गौसेवा का संकल्प लिया और स्थानीय लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में दर्जनों सदस्य शामिल रहे।भारत विकास परिषद द्वारा समय-समय पर ऐसे सेवाभावी आयोजन किए जाते हैं।
परिषद का उद्देश्य सांस्कृतिक मूल्यों और सामाजिक सेवा को बढ़ावा देना है।