बरेली प्रकरण पर कांग्रेस का बड़ा हमला, अंशू अवस्थी बोले– “संविधान का अपमान कर रही है भाजपा”

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लखनऊ/बरेली। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों बरेली की घटना सुर्खियों में है। विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल को बरेली जाने से रोकने पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने और लोकतंत्र का गला घोंटने में जुटी हुई है।
अंशू अवस्थी ने भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि विपक्षी प्रतिनिधि मंडल को बरेली न जाने देना सीधे-सीधे संविधान का अपमान है। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों को भूल चुकी है। विपक्ष को जनता के बीच जाने से रोकना संविधान विरोधी है। भाजपा लगातार लोकतंत्र और संविधान का मज़ाक बना रही है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का मकसद बरेली की घटना को बहाना बनाकर पूरे प्रदेश का माहौल बिगाड़ना है। उन्होंने आरोप लगाया”भाजपा जानबूझकर समाज को बांटने वाली राजनीति कर रही है। बरेली की घटना के बहाने भाजपा पूरे प्रदेश में दंगे भड़काना चाहती है। लेकिन जनता इनकी साजिशों को समझ चुकी है।”
अंशू अवस्थी ने कहा कि भाजपा जनता से जुड़े असली मुद्दों से भाग रही है। महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है।
उन्होंने कहा “भाजपा जनता के असली सवालों से भाग रही है। जब जनता पूछती है कि महंगाई कब कम होगी? रोजगार कब मिलेगा? किसानों को न्याय कब मिलेगा? तो भाजपा के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। इसलिए विपक्ष को रोका जाता है और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जाता है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि 2027 में जनता भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देगी। उन्होंने कहा कि जनता भाजपा की नीतियों और तानाशाही रवैये से परेशान है और आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में नई सरकार बनाएगी।
ओमप्रकाश राजभर पर कांग्रेस का वार: “सत्ता की मलाई खा रहे हैं, पिछड़ों को भूल गए”

बरेली विवाद पर भाजपा पर हमला बोलने के साथ ही कांग्रेस ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को भी निशाने पर लिया। अंशू अवस्थी ने कहा कि राजभर जी अगर सचमुच पिछड़ों और अति पिछड़ों के शुभचिंतक हैं, तो उन्हें राहुल गांधी की सामाजिक न्याय की लड़ाई और जातीय जनगणना की मांग का समर्थन करना चाहिए।
राजभर जी ने पिछड़ों के मुद्दे से राजनीति शुरू की,
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “ओमप्रकाश राजभर जी ने अपनी राजनीति की शुरुआत पिछड़ों और अति पिछड़ों के मुद्दों से की थी। लेकिन आज सत्ता की लालच में भाजपा की गोद में बैठ गए हैं। वे पिछड़ों के अधिकार और हितों को पूरी तरह भूल चुके हैं।”
अंशू अवस्थी ने आरोप लगाया कि राजभर जी केवल चर्चा में बने रहने के लिए कभी दाईं और कभी बाईं ओर चिट्ठियां लिखते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक नाटक है, असली मुद्दों पर राजभर जी खामोश रहते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने चुनौती देते हुए कहा “अगर ओमप्रकाश राजभर जी सचमुच पिछड़ों के शुभचिंतक हैं तो वे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से सवाल क्यों नहीं करते? उनकी हिम्मत नहीं है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से पिछड़ों के मुद्दों पर जवाब मांग सकें।”
अंशू अवस्थी ने स्पष्ट कहा कि अगर राजभर जी पिछड़ों के हित में सच्चे हैं तो उन्हें सत्ता की मलाई छोड़कर राहुल गांधी की मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी लगातार सामाजिक न्याय और पिछड़ों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राजभर जी को भी इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए। सिर्फ चिट्ठियां लिखकर नाटक करने से पिछड़ों का भला नहीं होगा।”
इस तरह कांग्रेस ने एक तरफ भाजपा सरकार पर संविधान विरोधी काम करने और दंगे भड़काने का आरोप लगाया, वहीं दूसरी ओर ओमप्रकाश राजभर को सत्ता लोभी और पिछड़ों से धोखा करने वाला नेता बताया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस इस मुद्दे के बहाने खुद को विपक्ष की मुख्य धुरी के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है और साथ ही भाजपा के सहयोगियों को भी घेरने की रणनीति अपना रही है।

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