बरेली: यूपी के Bareilly में एंटी करप्शन टीम (Anti-corruption team) ने सोमवार को चकबंदी विभाग के ड्राफ्टमैन राजीव मित्तल को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह घटना तहसील परिसर के अंदर हुई और जब टीम ने आरोपी को बाहर निकालने की कोशिश की तो अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही एंटी करप्शन टीम के अधिकारियों ने आरोपी राजीव मित्तल को तहसील से बाहर ले जाने का प्रयास किया, गेट पर मौजूद कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर उसे बचाने की कोशिश की। इससे हंगामा मच गया और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई।
इस व्यवधान के बावजूद, टीम भीड़ के बीच से मित्तल को खींचकर अपनी गाड़ी में बिठाने में कामयाब रही। आरोपी क्लर्क ने दया की भीख माँगी, खुद को निर्दोष बताया और उसे न ले जाने की भीख माँगी। उसने गाड़ी में बैठने से इनकार कर दिया, जिससे टीम को उसे उठाकर अंदर रखना पड़ा। बाद में उसे पूछताछ के लिए स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया।
शिकायतकर्ता, बरेली के भरतौल गाँव के किसान जितेंद्र, पहले भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में शिकायत लेकर गए थे। उन्होंने बताया कि भरतौल में उनकी खेती की ज़मीन है और उसके आधिकारिक नक्शे में एक गड़बड़ी है। जब वह एक महीने पहले इसे ठीक करवाने तहसील कार्यालय गए, तो क्लर्क राजीव मित्तल ने उन्हें बताया कि यह सुधार केवल 5,000 रुपये की रिश्वत के बदले में किया जाएगा। जितेंद्र ने बताया कि वह बार-बार तहसील कार्यालय गए, लेकिन राजीव मित्तल ने बिना रिश्वत के उनसे मिलने से इनकार कर दिया।
उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से संपर्क करने का निर्णय लिया। भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सान्याल ने क्लर्क को पकड़ने की योजना बनाई। सोमवार सुबह 11:47 बजे, शिकायतकर्ता चिह्नित नोट लेकर राजीव मित्तल के केबिन में गया। जैसे ही पैसे का आदान-प्रदान हुआ, भ्रष्टाचार निरोधक टीम अंदर घुस गई और मित्तल को रंगे हाथों पकड़ लिया।
निरीक्षक सान्याल ने पुष्टि की कि विभाग को मित्तल के खिलाफ रिश्वत मांगने की पहले भी शिकायतें मिली थीं। जाँच की गई, जिससे आरोपों की पुष्टि हुई। इसके आधार पर, टीम ने स्टिंग ऑपरेशन की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।