25.9 C
Lucknow
Sunday, August 24, 2025

बाढ़ का कहर : गांव जलमग्न, फसलें बर्बाद, स्कूल बंद और पर्यटन विकास कार्य भी ठप

Must read

फर्रुखाबाद   गंगा और रामगंगा नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ने से फर्रुखाबाद जनपद के हालात बिगड़ गए हैं। गंगा नदी ने बीते 20 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और खतरे के निशान से लगभग 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। हालांकि रामगंगा नदी अब चेतावनी सीमा से 20 सेंटीमीटर नीचे आ चुकी है, लेकिन गंगा का उफान अब भी प्रशासन और ग्रामीणों के लिए भारी संकट बना हुआ है। गंगा पार के चैनल पार क्षेत्र से लेकर शमसाबाद और भोजपुर तक जहां भी नजर जाती है, वहां केवल पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। खेत, घर, सड़कें और स्कूल सब गंगा की बाढ़ में समा गए हैं।गंगा के बढ़ते जलस्तर ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। हजारों बीघा खेत जलमग्न हो चुके हैं और धान, बाजरा, मूंगफली और सब्जियों की खड़ी फसलें चौपट हो गई हैं। किसानों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है क्योंकि उनकी साल भर की मेहनत पर बाढ़ ने पानी फेर दिया है। बाढ़ का असर शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ा है। जिले के 185 विद्यालयों में पढ़ाई पूरी तरह से बंद हो गई है। जिन स्कूलों में कभी बच्चों की चहल-पहल गूंजती थी, वहां अब पानी और कीचड़ का कब्जा है।प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। नाव और स्टीमर के जरिए प्रशासनिक टीमें गांव-गांव जाकर खाद्यान्न और राहत सामग्री वितरित कर रही हैं। जिन इलाकों का रास्ता कट चुका है, वहां प्रशासन नाव से पहुंचकर मदद कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी लगातार सक्रिय हैं। कायमगंज क्षेत्र में अकेले 284 से अधिक मरीजों को दवाइयां दी गईं और दो गंभीर मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। चिकित्सक और पशुचिकित्सक लगातार प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर दवा बाँट रहे हैं ताकि महामारी जैसी स्थिति पैदा न हो सके।गंगा की बाढ़ का असर केवल ग्रामीण जीवन और खेती पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि विकास कार्य भी पूरी तरह प्रभावित हो गए हैं। फर्रुखाबाद में पर्यटन विकास के लिए चल रही 9.36 करोड़ रूपये की परियोजनाएं ठप हो गई हैं। पंचाल घाट और धूमगिरी आश्रम का सुंदरिकरण कार्य अधर में लटक गया है। गंगा का पानी बढ़ जाने के कारण मजदूर और मशीनें काम नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते पर्यटन को बढ़ावा देने वाले ये प्रोजेक्ट फिलहाल बंद हो गए हैं। इससे जिले के पर्यटन विकास को गहरा झटका लगा है।प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और धैर्य बनाए रखें। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि हर जरूरतमंद तक खाद्यान्न, चिकित्सा और आश्रय की सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जल्द ही हालात काबू में आ जाएंगे और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि किसी भी परिवार को दिक्कत का सामना न करना पड़े। गंगा की बाढ़ इस समय जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रही है। किसानों की फसलें चौपट हो चुकी हैं, शिक्षा ठप है, विकास कार्य रुक गए हैं और ग्रामीण रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं। प्रशासन के प्रयासों से कुछ राहत जरूर मिल रही है, लेकिन बाढ़ का संकट अभी भी पूरी तरह से टला नहीं है।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article