रिमझिम बारिश में डूबा आस्था का सागर, उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ छठ महापर्व

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बरेली। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को संपन्न हो गया। तड़के चार बजे से ही बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर जिलों में बने घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भोर होते ही व्रती महिलाओं ने परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना के साथ भगवान भास्कर की उपासना की। रिमझिम बारिश के बावजूद श्रद्धा का उत्साह कम नहीं हुआ। महिलाएं ठंडे जल में खड़ी होकर पूजा की टोकरी लिए सूर्य उदय होने तक आराधना करती रहीं।

बरेली में रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्री शिव-शक्ति मंदिर के सरोवर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। पूरा परिसर छठ मइया के गीतों से गूंज उठा। इसी तरह इज्जतनगर के श्री शिव पार्वती मंदिर, धोपेश्वरनाथ मंदिर समेत शहर के कई घरों में भी व्रतियों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। सुबह छह बजे के आसपास शुरू हुई रिमझिम बारिश के बीच भी व्रती महिलाएं अपने संकल्प पर अडिग रहीं।

पीलीभीत में सोमवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने रात्रि जागरण किया और मंगलवार तड़के चार बजे से बरहा रेलवे क्रॉसिंग जलाशय पर पूजा शुरू की। जल में खड़े होकर महिलाओं ने छठ मैया का पूजन किया और सुबह 6:30 बजे सूर्य को अर्घ्य देकर कल्याण की कामना की। पुलिस और प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए थे।

शाहजहांपुर में खन्नौत नदी घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। घाटों पर मेले जैसा दृश्य दिखा। खन्नौत पुल, रिलायंस टाउनशिप तालाब, हनुमत धाम और ककरा पुल पर भी श्रद्धालुओं ने छठ मैया की आराधना की। गीत-संगीत और पूजा के बीच मंगलवार की सुबह पूरे मंडल में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम नजर आया।

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