तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में स्थित चिलकुर बालाजी मंदिर (Chilkur Balaji Temple) के पुजारी पर हमले का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक सात फरवरी को मंदिर के पुजारी रंगराजन के आवास आवास पर कुछ लोगों ने कथित तौर पर हमला किया था। इसी मामले में रविवार को पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि रंगराजन की शिकायत के आधार पर मोइनाबाद थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तेलंगाना ने चिलकुर मंदिर के मुख्य अर्चक रंगराजन पर हाल ही में हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मंदिर संरक्षण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रंगराजन पर हमले को अकेले एक व्यक्ति पर हमले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। आरएसएस इसे पूरे हिंदू समाज पर हमले के रूप में देखता है।
अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
आरएसएस के तेलंगाना प्रचार प्रमुख, कट्टा राजुगोपाल ने कहा कि संगठन ने घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की, और अपराधियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की। आरएसएस चिलकुर मंदिर के मुख्य अर्चक रंगराजन पर हाल ही में हुए हमले की कड़ी निंदा करता है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार गहन जांच करके सख्त कार्रवाई करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इस अमानवीय हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जाए।
हिंदू समाज पर सीधा हमला
आरएसएस ने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं था, बल्कि हिंदू समाज और इसकी गहरी जड़ों वाली परंपराओं पर सीधा हमला था। बयान में कहा गया है कि आरएसएस इसे पूरे हिंदू समाज पर हमले के रूप में देखता है। आरएसएस ने सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में श्री रंगराजन के योगदान का भी जिक्र किया, और हमले को बिल्कुल अस्वीकार्य करार दिया। बयान में आगे कहा गया कि सामाजिक समरसता के लिए काम करने वाले रंगराजन पर हमला बिल्कुल अस्वीकार्य है।
धर्म रक्षा की आड़ में स्वार्थी काम
लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, आरएसएस ने उन लोगों की आलोचना की जो व्यक्तिगत लाभ के लिए धर्म संरक्षण की आड़ का फायदा उठाते हैं। मानवीय मूल्यों पर आधारित एक मजबूत समाज तभी बनाया जा सकता है जब व्यक्ति और संस्थाएं संविधान के ढांचे के भीतर लोकतांत्रिक तरीके से काम करें। व्यक्तिगत लाभ के लिए धर्म रक्षा की आड़ में स्वार्थी कार्य करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। ये ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने रंगराजन पर हमला किया।
कानूनी कार्रवाई करने का अपील
अंत में, आरएसएस ने सरकार से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्णायक कानूनी कार्रवाई करने का अपील की। आरएसएस ने कहा कि इन असामाजिक तत्वों से कानून के अनुसार निपटा जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। बयान में कहा गया है कि नागरिक समाज में सत्तावादी प्रवृत्तियों के लिए कोई जगह नहीं है जो कानून को अपने हाथ में लेकर सिस्टम को नियंत्रित करना चाहते हैं। 7 फरवरी 2025 को, चिलकुर बालाजी मंदिर के अर्चक रंगराजन पर हमला किया गया था।