25 दिसंबर, भारत के महानतम नेताओं में से एक, अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की जयंती। आज हम उनके जीवन, आदर्शों और उन सपनों पर विचार करते हैं, जो उन्होंने भारत के भविष्य के लिए देखे थे। अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भारतीय राजनीति के उन चमकते सितारों में शामिल है, जिन्होंने न केवल देश की राजनीति को नई दिशा दी, बल्कि अपने सिद्धांतों और कार्यशैली से लाखों लोगों को प्रेरित किया।
अटल बिहारी वाजपेयी, जो स्वतंत्र भारत के पांच महानतम नेताओं—महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, नरेंद्र मोदी—में गिने जाते हैं, अपनी विचारधारा और नेतृत्व क्षमता के लिए अद्वितीय थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अपनी गठबंधन राजनीति की महारत से भारत के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया।
1996 में वाजपेयी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने, तब लोकसभा में बहुमत के अभाव में उनकी सरकार मात्र 13 दिनों में गिर गई। इस दौरान उनका ऐतिहासिक भाषण आज भी भारतीय राजनीति के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है। उन्होंने कहा था, “सरकारें आएंगी और जाएंगी, नेता आएंगे और जाएंगे, लेकिन यह देश स्थिर रहना चाहिए।” यह उनका आत्मविश्वास और दूरदृष्टि थी, जो उनकी विचारधारा और मिशन की ताकत को दर्शाती है।
वाजपेयी का सपना था कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटे। यह सपना 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हुआ। वाजपेयी के अनुयायी नरेंद्र मोदी ने 2014 और 2019 में भाजपा को बहुमत दिलाकर न केवल पार्टी के अस्तित्व को मजबूत किया, बल्कि भारत के लोकतंत्र को भी नया आयाम दिया।
अटल बिहारी वाजपेयी के कई सपने ऐसे थे, जिन्हें उनके जीवनकाल में साकार नहीं किया जा सका। उनके ये सपने न केवल उनकी पार्टी, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण थे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनकी विरासत को साकार किया जा रहा है।
वाजपेयी ने अपने कुमारकोम लेख में लिखा था, “हम अतीत की घिसी-पिटी राह पर नहीं चलेंगे। हमें कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान चाहिए।” यह सपना 5 अगस्त 2019 को साकार हुआ, जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर दिया। यह कदम भारत के राजनीतिक इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ। आज जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है और ‘दो निशान, दो विधान’ का युग समाप्त हो चुका है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर वाजपेयी ने न्यायिक प्रक्रिया और संवाद को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने कहा था, “हम न्यायपालिका के फैसले को स्वीकार करेंगे।” 22 जनवरी 2024 को उनका यह सपना साकार हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया। यह क्षण न केवल वाजपेयी के सपनों को श्रद्धांजलि थी, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण भी।
वाजपेयी का एक और सपना, जो अभी अधूरा है, वह है समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code)। यह भारतीय संविधान के निर्देशक सिद्धांतों में से एक है और भारतीय समाज को कानूनी समानता के आधार पर संगठित करने का महत्वपूर्ण कदम है। वाजपेयी ने बीजेएस (भारतीय जनसंघ) के समय से ही इस मुद्दे को प्राथमिकता दी। अब यह प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे का हिस्सा है और अगले कुछ वर्षों में यह भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है।
अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के सभी नागरिकों और समुदायों को एक समान दृष्टि से देखने की बात कही। उन्होंने कहा था, “भारत न किसी एक का अधिक है, न किसी का कम।” उनका मानना था कि धर्मनिरपेक्षता हमारी संस्कृति और लोकाचार का अभिन्न हिस्सा है।
वाजपेयी का यह दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया, जो भारत के सभी वर्गों को समान अवसर और अधिकार देने का प्रतीक है।
अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे। उन्होंने न केवल भारतीय राजनीति को नई दिशा दी, बल्कि हर भारतीय के दिल में एक अटल स्थान बनाया। उनके विचार, उनके कार्य, और उनकी दृष्टि आज भी हमें प्रेरित करती है।
उनके अधूरे सपनों को साकार करने की यह यात्रा भारत को न केवल मजबूत बना रही है, बल्कि दुनिया में उसकी स्थिति को भी ऊंचा उठा रही है। अटल जी का सपना था कि भारत एक ऐसा राष्ट्र बने, जो अपने अतीत पर गर्व करे और अपने भविष्य के लिए नई ऊंचाइयों की ओर बढ़े। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह सपना साकार होता दिख रहा है।
आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर, हमें उनके आदर्शों और सपनों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। यह समय है कि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए भारत को एक मजबूत, समृद्ध और एकीकृत राष्ट्र बनाएं। उनका जीवन, उनकी विचारधारा और उनके कार्य हमें यह याद दिलाते हैं कि कठिनाइयों के बावजूद, दृढ़ संकल्प और दूरदृष्टि से हर सपना साकार किया जा सकता है।