प्राइवेट अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से पनप रहा है भ्रूण हत्या का घिनौना धंधा
फर्रुखाबाद। शहर में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। रविवार की देर रात लोहार रोड स्थित माइकल पापड़ी वालों की दुकान के पास गली में एक मानव भ्रूण मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। जैसे ही यह खबर आसपास के लोगों को लगी, मौके पर भीड़ जमा हो गई और पुलिस को सूचित किया गया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जिस गली में भ्रूण मिला, वहीं पर स्थित अशोका हॉस्पिटल का नाम पहले भी अवैध लिंग परीक्षण और गर्भपात के मामलों में सामने आ चुका है। आशंका जताई जा रही है कि भ्रूण हत्या का यह ताजा मामला भी इसी अस्पताल से जुड़ा हुआ है।
इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी निजी अस्पतालों से मिलीभगत करके इस प्रकार के अवैध कार्यों को संरक्षण देते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अशोका हॉस्पिटल वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को अंजाम देता रहा है। इन अवैध गतिविधियों से अस्पताल लाखों की कमाई कर रहा है, जबकि प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और भ्रूण को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। अभी तक अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।
भारत में लिंग परीक्षण और लिंग के आधार पर गर्भपात करना कानूनन अपराध है। PCPNDT Act (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) के तहत ऐसे मामलों में कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान है। बावजूद इसके, देश के कई हिस्सों में यह धंधा बेधड़क चल रहा है — और इस मामले ने फिर साबित कर दिया है कि कानून का डर खत्म होता जा रहा है।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस बार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करता है या यह मामला भी बाकी मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। स्थानीय जनता और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग की है।