(डॉ. मोनिका रघुवंशी)
जापान का चेरी ब्लॉसम त्योहार, एक अद्भुत अनुभव है जब देश के आश्चर्यजनक सकुरा (चेरी ब्लॉसम) खिलते हैं। इस त्योहार से आम जनता में पेड़ के प्रति जागरूकता व संरक्षण भाव बढ़ते हैं।
आनंद लेने योग्य अनुभव में हैं -खिलते चेरी के पेड़ों के नीचे भोजन, पेय और आनंद के लिए पारंपरिक सभाएं, अंधेरे के बाद चेरी ब्लॉसम को रोशन करने वाले मनमोहक प्रदर्शन व नृत्य, संगीत और त्योहार जो उत्सव के माहौल को बढ़ाते हैं।
जापान के चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल से प्रोत्साहित होकर वृक्ष संरक्षण हेतु मनाया पलाश ब्लॉसम फेस्टिवल संतोष कुमार गुप्ता ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ 2019 से जिसकी प्रशंसा की देवेंद्र जोशी ने कोटा से।
पलाश वृक्ष अपने जीवंत नारंगी-लाल फूलों के कारण “वन की ज्वाला” कहलाता है जो गुच्छों में खिलते हैं। ये आग जैसे दिखने वाले फूल आसपास के वनस्पति के बीच एक आश्चर्यजनक दृश्य बनते हैं। फूलों का रंग आग की छवि को उभारता है जो अपनी चमकदार छटा के साथ अलग दिखाई देता है।
पलाश वृक्ष के विभिन्न भाग पारंपरिक चिकित्सा में विभिन्न उपचारों के लिए उपयोग किए जाते हैं। फूल पाचन संबंधी समस्याओं के लिए, प्राकृतिक रंग के एजेंट के रूप में और आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन में उपयोग किए जाते हैं। छाल पारंपरिक रूप से दस्त और पेचिश के उपचार में उपयोग किया जाता है। बीज कीटाणु संक्रमण के लिए उपयोग किए जाते हैं। पत्तियों का उपयोग बाहरी अनुप्रयोगों में त्वचा स्थितियों के लिए किया जाता है। पलाश का गोंद भी कुछ पारंपरिक चिकित्सा तैयारियों में उपयोग किया जाता है। ये उपयोग पारंपरिक ज्ञान पर आधारित हैं, जो क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, और किसी भी चिकित्सा उपचार के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना उचित है।





