— नितिन कटियार
आज का कार्यक्षेत्र तेज़ रफ्तार तकनीकी बदलावों से गुजर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन, रिमोट वर्क और डेटा आधारित फैसलों ने काम करने के तरीकों को पूरी तरह बदल दिया है। अब कैरियर की सफलता केवल डिग्री या वर्षों के अनुभव से तय नहीं होती, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करती है कि कोई व्यक्ति डिजिटल दुनिया में खुद को कितना सक्षम बना पाया है।
बीते दौर में नौकरी पाने का रास्ता डिग्री और अनुभव से होकर गुजरता था, लेकिन आज यह रास्ता डिजिटल दक्षता से होकर निकलता है। कंपनियां ऐसे प्रोफेशनल्स चाहती हैं जो तकनीक को बोझ नहीं, बल्कि ताकत समझें। जो व्यक्ति डिजिटल टूल्स के साथ सहज है, वही बदलती जॉब मार्केट में टिक पाता है।
आज फाइलों की जगह क्लाउड ने ले ली है। दफ्तरों की बैठकें अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर होती हैं और हर विभाग में डेटा ही सबसे बड़ा निर्णयकर्ता बन चुका है। ऐसे में तकनीक से दूरी बनाना, खुद को भविष्य से दूर करना है।
आज शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बैंकिंग, पत्रकारिता, कानून, मीडिया और इंजीनियरिंग जैसे हर क्षेत्र में डिजिटल तकनीक की भूमिका निर्णायक हो चुकी है।
डिजिटल सर्च स्किल, प्रोफेशनल ई-मेल लेखन, ऑनलाइन प्रेजेंटेशन, डेटा एनालिसिस टूल्स, टीमवर्क प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया की समझ—ये सभी आज के प्रोफेशनल की अनिवार्य योग्यताएं बन चुकी हैं।
जो व्यक्ति इन क्षमताओं को अपनाने से हिचकता है, वह धीरे-धीरे नौकरी के बाजार से बाहर होता चला जाता है।
साल 2025 के कार्यक्षेत्र में एआई एक अदृश्य लेकिन बेहद प्रभावशाली सहयोगी के रूप में उभर चुका है। आज रिसर्च, रिपोर्ट लेखन, प्रेजेंटेशन तैयार करना, प्रोजेक्ट प्लानिंग, कोडिंग, ऑटोमेशन और इंटरव्यू की तैयारी—सब कुछ एआई के सहयोग से संभव हो गया है।
एआई का सही उपयोग करने वाले प्रोफेशनल वही काम दूसरों की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत कम समय में पूरा कर लेते हैं। यही कारण है कि एआई को समझना अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता बन चुका है।
आज कंपनियां यह नहीं पूछतीं कि आपने क्या पढ़ा है, बल्कि यह पूछती हैं कि आप कौन-से डिजिटल टूल्स कितनी कुशलता से चला सकते हैं।
डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी की बुनियादी समझ, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, ऑटोमेशन टूल्स, एडवांस एक्सेल, ग्राफिक और वीडियो टूल्स, सीआरएम/ईआरपी सॉफ्टवेयर और एआई सपोर्ट—ये सभी कौशल अब लगभग हर क्षेत्र की नौकरी का हिस्सा बन चुके हैं।
आज लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म केवल जॉब पोर्टल नहीं, बल्कि प्रोफेशनल पहचान के सबसे मजबूत माध्यम बन चुके हैं। आपकी प्रोफाइल, आपकी पोस्ट, आपकी टिप्पणियां और आपकी ऑनलाइन गतिविधियां मिलकर आपकी डिजिटल छवि बनाती हैं।
डिजिटल नेटवर्किंग के जरिए इंडस्ट्री लीडर्स से सीधा संवाद, नई नौकरियों की जानकारी, प्रोजेक्ट और फ्रीलांस अवसर प्राप्त होते हैं। आंकड़े बताते हैं कि आज 50 प्रतिशत से अधिक नौकरियां नेटवर्क और रेफरल के माध्यम से मिल रही हैं।
आज का सबसे बड़ा प्रोफेशनल मंत्र है—जो सीखना बंद करता है, वही आगे बढ़ना भी बंद कर देता है।
डिजिटल टेक्नोलॉजी ने सीखने की सीमाएं खत्म कर दी हैं। कोर्सेरा, उडेमी, एनपीटीईएल, गूगल सर्टिफिकेट और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म ने ज्ञान को हर किसी की पहुंच में ला दिया है।
यदि सप्ताह में सिर्फ दो-तीन घंटे भी डिजिटल लर्निंग को दिए जाएं, तो कोई भी व्यक्ति अपने कैरियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
आज एचआर मैनेजर किसी का सीवी देखने से पहले उसका नाम गूगल पर सर्च करता है। आपकी डिजिटल मौजूदगी ही आपकी वास्तविक पहचान बन चुकी है।
लिंक्डइन पर नियमित और सार्थक पोस्ट, अपनी उपलब्धियों को साझा करना और अपने काम को प्रोफेशनल तरीके से प्रस्तुत करना—यह सब आपकी जॉब मार्केट वैल्यू को कई गुना बढ़ा देता है।
डिजिटल तकनीक से दूरी बनाकर आज के दौर में कैरियर की कल्पना करना मुश्किल है। डिजिटल दक्षता अब सिर्फ एक स्किल नहीं, बल्कि कैरियर की सुरक्षा, प्रगति और पहचान का आधार बन चुकी है।
जो समय रहते डिजिटल दुनिया से खुद को जोड़ लेता है, वही भविष्य की दौड़ में आगे निकलता है।


