फतेहगढ़ एसपी आरती सिंह ने कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को किया निलंबित

0
133

– हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद कार्रवाई, सीओ और संबंधित सिपाहियों की भूमिका की भी होगी जांच

फर्रुखाबाद। जिले की कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने शुक्रवार को एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। उन्होंने कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई हाईकोर्ट में चल रही बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के संदर्भ में की गई, जिसमें दो व्यक्तियों को बिना किसी वैधानिक सूचना या औपचारिक गिरफ्तारी के थाने में बैठाने का गंभीर आरोप सामने आया था।
सूत्रों के अनुसार, कायमगंज थाने में हाल ही में दो व्यक्तियों को किसी विवादित प्रकरण में पूछताछ के नाम पर बिना उच्चाधिकारियों को अवगत कराए थाने में बैठाया गया था। इस दौरान उनके परिजनों ने इसे अवैध हिरासत बताते हुए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की।
सुनवाई के दौरान जब यह तथ्य सामने आया कि थाना पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए बिना लोगों को थाने में रोके रखा, तो न्यायालय ने फर्रुखाबाद पुलिस प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा था। इस मामले में उच्च न्यायालय में जस्टिस जे जे मुनीर की खंड पीठ ने स्पष्टीकरण मांगा था पुलिस अधीक्षक सीओ और इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से उच्च न्यायालय में उपस्थित होना पड़ा था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने स्वयं हस्तक्षेप किया और कायमगंज कोतवाल अनुराग मिश्रा को निलंबित कर दिया। साथ ही, सीओ कायमगंज और थाने के संबंधित सिपाहियों की भूमिका की भी जांच के निर्देश दिए हैं।
एसपी ने कहा कि, “कानून व्यवस्था के दायरे में रहते हुए ही कार्रवाई की जाएगी। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा बिना कारण और बिना सूचना नागरिकों को थाने में बैठाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
एसपी की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। कोतवाल अनुराग मिश्रा की गिनती सक्रिय अधिकारियों में होती थी, लेकिन इस मामले में नियमों की अनदेखी उन्हें भारी पड़ गई।
जानकारी के मुताबिक, विभागीय जांच पूरी होने तक कोतवाल को लाइन हाजिर किया गया है और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ पुलिस की पारदर्शी छवि बनाए रखना भी एसपी आरती सिंह की प्राथमिकता मानी जाती है। उन्होंने साफ कहा कि “थानों में नागरिकों के अधिकारों का हनन किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए है, उत्पीड़न के लिए नहीं।”
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि पुलिसकर्मियों द्वारा की गई कोई भी मनमानी या नियमविरुद्ध कार्यवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश पर हुई इस सख्त कार्रवाई को जिले में पुलिस जवाबदेही की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here