– तीन हजार देकर 200 बार पार कर सकेंगे टोल।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निजी चार पहिया वाहनों (private four wheelers) के लिए वार्षिक fast tag की सुविधा आज से लागू हो गई है। इस नई व्यवस्था के तहत एक वर्ष में वाहन मालिक 200 बार टोल प्लाजा पार कर सकते हैं। निर्धारित सीमा पूरी होने पर फास्टैग को दोबारा रिचार्ज कराना होगा। यह सुविधा सिर्फ निजी वाहनों को मिलेगी, टैक्सी या व्यावसायिक गाड़ियों को इससे बाहर रखा गया है। टोल प्लाजा कर्मियों को इस नई सुविधा का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
लखनऊ के आसपास रोज़ाना लगभग 15,000 निजी कारें, जीप और वैन टोल से गुजरती हैं, जिनमें करीब एक हजार टैक्सी होती हैं। इस तरह की संख्या कानपुर-प्रयागराज, कानपुर-सागर और कानपुर-लखनऊ जैसे अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी देखी जाती है। वार्षिक फास्टैग उन्हीं वाहनों को मिलेगा जिनके पास गाड़ी का नंबर दर्ज है। चेचिस नंबर से फास्टैग बनवाने वालों को गाड़ी नंबर जोड़ना अनिवार्य होगा।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज यादव ने बताया कि वाहन मालिक ‘राजमार्ग यात्रा’ एप के माध्यम से वार्षिक फास्टैग की बुकिंग करा सकते हैं। 15 अगस्त की रात 12 बजे के बाद से यह फास्टैग स्वतः एक्टिव हो गए हैं और वाहन जैसे ही टोल प्लाजा पार करेंगे, मालिक को कटौती और बची हुई यात्राओं की सूचना एसएमएस से मिल जाएगी।
वार्षिक फास्टैग वाहन की विंडशील्ड पर चिपकाना अनिवार्य है, अन्यथा उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। ऐसी टोल व्यवस्था जहां एक ही प्रवेश और निकासी प्वाइंट है, वहां पूरी यात्रा को एक बार की गिनती में जोड़ा जाएगा। साथ ही जिन वाहन मालिकों के पास मंथली पास हैं, उन्हें वह सुविधा मिलती रहेगी और वार्षिक फास्टैग से कटौती तब ही होगी जब पास की वैधता या बैलेंस खत्म होगा।