चेन्नई महिला न्यायालय ने सोमवार को अन्ना विश्वविद्यालय बलात्कार मामले के एकमात्र दोषी ए ज्ञानशेखरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसे कम से कम 30 साल की सजा काटनी होगी। महिला न्यायालय की न्यायाधीश एम राजलक्ष्मी ने बलात्कार सहित सभी 11 आरोपों में उसे दोषी ठहराए जाने के चार दिन बाद यह आदेश पारित किया।
दरअसल, 24 दिसंबर को पीड़िता ने कोट्टूरपुरम ऑल वुमेन पुलिस स्टेशन (AWPS) में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जब वह यूनिवर्सिटी कैंपस में अपने पुरुष मित्र के साथ थी, तो ज्ञानशेखरन ने उसे धमकाया और फिर उसके साथ बलात्कार किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, ज्ञानशेखरन ने अपने मोबाइल फोन पर इस कृत्य को रिकॉर्ड किया। चूंकि 26 दिसंबर को पीड़िता की पहचान सार्वजनिक हो गई थी, इसलिए मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए एक महिला विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
इस मामले में 24 फरवरी को एसआईटी ने अपनी जांच पूरी की और क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट के समक्ष 100 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया। 7 मार्च को मामला महिला न्यायालय को सौंप दिया गया, जिसने ज्ञानसेकरन के खिलाफ धारा 329 (आपराधिक अतिक्रमण), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 87 (महिला का अपहरण), 127 (2), 75 (2) के साथ 75 (i), (ii), (iii), 76, 64 (1) (बलात्कार), 351 (3), बीएनएस और बीएनएसएस की 238 (बी), आईटी अधिनियम की धारा 66 और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम की धारा 4 के तहत आरोप तय किए।