– पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और आश्रित को नौकरी की मांग, अधिकारियों पर कार्रवाई की भी उठी आवाज
फर्रुखाबाद: हापुड़ (Hapur) में तैनात लेखपाल (Lekhpal) सुभाष मीणा की संदिग्ध हालातों में हुई मौत के बाद प्रदेशभर में राजस्व कर्मियों में आक्रोश फैल गया है। फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में भी लेखपाल संघ ने विरोध स्वरूप तहसील परिसर में धरना दिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।
धरने के दौरान लेखपाल संघ ने स्पष्ट आरोप लगाया कि हापुड़ के जिलाधिकारी के दमनात्मक रवैये के चलते सुभाष मीणा मानसिक दबाव में थे, जिससे उनकी मौत हो गई। संघ ने मांग की है कि दिवंगत लेखपाल के परिजनों को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए और उनके आश्रित को शीघ्र सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
संघ ने यह भी कहा कि छोटे कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से अपमानित करना एक खतरनाक प्रवृत्ति बनती जा रही है, जिससे कर्मचारियों में मानसिक तनाव बढ़ता है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि कुछ अधिकारी सस्ती लोकप्रियता के लिए कर्मचारियों को बिना कारण सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हैं, जो कि सरासर अन्यायपूर्ण है और इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।
दोषी अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई की
ज्ञापन पर प्रमुख हस्ताक्षर करने वालों में विप संघ अध्यक्ष महेश्वर सिंह, सचिव अभय त्रिवेदी, वरिष्ठ पदाधिकारी अजीत द्विवेदी, अमित प्रताप, रघुवंश सिंह, हरमुख पाल, अश्वनी सक्सेना, अतुल प्रताप सिंह, अमित प्रताप सिंह और सर्वेश कुमार समेत दर्जनों लेखपाल शामिल रहे। इस घटनाक्रम से साफ है कि प्रदेश के लेखपाल अब संगठित होकर अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और तेज हो सकता है।