– सरदार पटेल मंच, और वाहिनी जैसे संगठन दुबके, अकेले पड़े जवाहर
– आम जनमानस से लेकर सोशल मीडिया पर भी चुप्पी
फ़र्रूख़ाबाद। बार एसोसिएशन फतेहगढ़ के अध्यक्ष जवाहर सिंह गंगवार द्वारा भगवान परशुराम को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद जनपद में भारी आक्रोश फैल गया है। इस बयान ने विशेष रूप से ब्राह्मण समाज और क्षत्रिय संगठनों में तीव्र असंतोष पैदा कर दिया है। करनी सेना और ब्राह्मण संगठनों ने बयान को धर्म और जातीय गरिमा पर आघात बताया है।वहीं जवाहर सिंह गंगवार के समर्थक उनके जातीय संगठनों में खौफ की लहर के चलते आम जनमानस से लेकर सोशल मीडिया पर चुप्पी है।
बताया जा रहा है कि अधिवक्ता कार्यक्रम के दौरान जवाहर सिंह गंगवार ने भगवान परशुराम को लेकर कथित विवादित टिप्पणी की, जिसके वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। टिप्पणी में परशुराम के ” रूप” पर कटाक्ष किया गया, जिससे ब्राह्मण समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
ब्राह्मण महासभा, फ़र्रूख़ाबाद विकास मंच और अन्य संगठनों ने इसे समाज की आस्था पर हमला बताते हुए जिला प्रशासन से अविलंब माफी की मांग की।
राघव दत्त मिश्रा ने कहा “परशुराम जी सनातन धर्म के प्रतीक हैं, उन पर अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
जिलाध्यक्ष फ़र्रूख़ाबाद मंच ने कहा: “यह केवल ब्राह्मणों पर नहीं, पूरे हिंदू समाज पर हमला है। यदि गंगवार ने माफी नहीं मांगी तो सड़कों पर उग्र आंदोलन होगा।”
पुलिस प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए थाना फतेहगढ़ और थाना कोतवाली क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है।
जवाहर सिंह गंगवार की सफाई
जब पत्रकारों ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने कहा:“मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, मेरा इरादा किसी की भावनाएं आहत करने का नहीं था।”भगवान परशुराम सभी के लिए पूज्यनीय है,वो ये वीर योद्धा भी थे।
फर्रूखाबाद में भगवान परशुराम पर की गई कथित टिप्पणी से उत्पन्न विवाद स्थानीय राजनीति और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर रहा है। फिलहाल सभी की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।