24.9 C
Lucknow
Thursday, July 17, 2025

एटा के रिजोर में खेत से मिली प्राचीन जैन मूर्ति, एएसआई की रिपोर्ट के बाद श्वेतांबर संप्रदाय ने की कंपिल में स्थापना की मांग

Must read

– ग्रामीणों में आस्था, धार्मिक समुदायों में संप्रदाय आधारित मांगें सामने आईं

एटा,फर्रुखाबाद: एटा (Etah) जनपद के रिजोर (Rijor) क्षेत्र में एक खेत की खुदाई के दौरान मिली प्राचीन जैन मूर्ति को लेकर धार्मिक हलचल देखी जा रही है। खेत से प्राप्त मूर्ति को लेकर ग्रामीणों में श्रद्धा का माहौल है। प्रारंभ में इसे लेकर दिगंबर और श्वेतांबर संप्रदायों (Shwetambar sect) के बीच मतभेद की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है।

खेत से प्राप्त यह मूर्ति बलुआ पत्थर की बनी है और उस पर जैन प्रतीकों की स्पष्ट आकृतियाँ अंकित हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि यह मूर्ति श्वेतांबर संप्रदाय की धार्मिक परंपराओं से मेल खाती है।

रिपोर्ट के आने के बाद अब किसी प्रकार का विवाद नहीं है। श्वेतांबर संप्रदाय ने औपचारिक रूप से प्रशासन से अनुरोध किया है कि यह मूर्ति एटा जनपद के कंपिल स्थित ऐतिहासिक तीर्थ स्थल पर स्थापित की जाए, जो भगवान महावीर के दर्शन से जुड़ा एक प्राचीन स्थल है।

श्वेतांबर समाज का कहना है कि “यह मूर्ति हमारी परंपरा के अनुरूप है और एएसआई की रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है। अतः हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इसे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए कंपिल तीर्थ में स्थापित किया जाए।”

मूर्ति मिलने के बाद प्रशासन और पुरातत्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया है। तहसीलदार (रिजोर) ने बताया:”हमने राज्य पुरातत्व विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। सभी प्रक्रिया कानूनी और पारदर्शी ढंग से पूरी की जाएगी।”हालांकि पुरातत्व विभाग ने मूर्ति श्वेताम्बर संप्रदाय की ही घोषित की, जिसके बाद श्वेताम्बर समुदाय ने एटा प्रशासन से मूर्ति की मांग तेज़ कर दी।

गांव में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब कोई विवाद नहीं है, और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय लिया जाएगा। रिजोर क्षेत्र में मिली यह प्राचीन जैन मूर्ति जहां इतिहास और संस्कृति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, वहीं अब एएसआई की पुष्टि के बाद यह तय माना जा रहा है कि मूर्ति श्वेतांबर परंपरा की है और उसे कंपिल जैसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल पर स्थापित करने की दिशा में प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article