यूथ इंडिया ब्यूरो | जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आतंकियों को चेतावनी दी कि इस हमले के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से ले रही है और दोषियों की पहचान कर उन्हें जल्द ही कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
“कड़ी कार्रवाई होगी, हर आतंकी की कीमत चुकानी होगी” – अमित शाह
शाह ने कहा कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन मिलकर पूरी ताकत के साथ आतंक के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटा है। स्थानीय सुरक्षाबलों को और अधिक संसाधन व अधिकार दिए जाएंगे, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस हमले के बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। कई लोग सोशल मीडिया पर सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। वहीं विपक्षी दलों की इस हमले पर चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। खासकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया न आना लोगों में नाराजगी का कारण बना है।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल – ‘आतंकी हमले पर मुस्लिम समाज क्यों चुप?’
सोशल मीडिया पर यह भी चर्चा है कि देश के मुस्लिम संगठनों और बुद्धिजीवियों ने इस आतंकी घटना की निंदा में कोई सामूहिक बयान जारी नहीं किया। कई यूजर्स ने इस चुप्पी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और सवाल उठाए हैं कि जब देश पीड़ा में है, तो क्या एकजुटता केवल चुनावी मुद्दा है?