12 C
Lucknow
Wednesday, December 31, 2025

चुनावी तैयारियों के बीच चुनाव आयोग का सख्त संदेश, कर्मचारियों को धमकाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

Must read

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि चुनाव ड्यूटी में लगे किसी भी कर्मचारी को डराने-धमकाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चुनाव आयोग (Election Commission)  ने साफ कहा है कि चाहे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) हों, इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ), असिस्टेंट ईआरओ या चुनाव पर्यवेक्षक, सभी की सुरक्षा, सम्मान और निष्पक्ष कार्य वातावरण सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयोग ने चेतावनी दी कि किसी भी राजनीतिक दल या उसके कार्यकर्ताओं द्वारा दबाव, धमकी या हस्तक्षेप की स्थिति में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह सख्त संदेश ऐसे समय आया है, जब बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मुलाकात कर बाहर आया और आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े किए। प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद आयोग ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि प्रत्येक बीएलओ को स्वीकृत बढ़ा हुआ मानदेय बिना किसी देरी के तुरंत जारी किया जाए। आयोग ने स्पष्ट किया कि बीएलओ चुनावी व्यवस्था की रीढ़ होते हैं और उनके अधिकारों व सुविधाओं की अनदेखी सीधे तौर पर चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित कर सकती है। आयोग ने यह भी कहा कि मानदेय बढ़ाने को लेकर उसकी मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है, इसलिए राज्य सरकार को इसमें और विलंब नहीं करना चाहिए।

मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आयोग ने यह भी जानकारी दी कि इस बार ऊंची आवासीय इमारतों, गेटेड कॉलोनियों और झुग्गी-बस्तियों में भी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मतदाता को वोट डालने के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े और मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो।

राजनीतिक दबाव के मुद्दे पर आयोग ने दो टूक शब्दों में कहा कि टीएमसी समेत सभी राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करें कि उनके जमीनी स्तर के नेता या कार्यकर्ता चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को धमकाने या प्रभावित करने में शामिल न हों। आयोग ने चेताया कि यदि किसी ने भी कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई तय है।

चुनाव आयोग ने दोहराया कि किसी भी चुनावी कर्मचारी को धमकाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इस तरह की हरकतें लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करती हैं। आयोग ने कहा कि वह स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कड़े निर्देश जारी किए जा रहे हैं, ताकि चुनावी कर्मचारियों पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े और लोकतंत्र पर जनता का विश्वास बना रहे।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article