नई दिल्ली। कोविड काल के बाद पहली बार जून 2025 में अमेरिका जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट के नेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म ऑफिस (NTTO) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जून में भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों की संख्या 2.1 लाख रही, जो पिछले साल जून के 2.3 लाख की तुलना में करीब 8 प्रतिशत कम है। जुलाई के शुरुआती आंकड़े भी 5.5 प्रतिशत की गिरावट दिखा रहे हैं।
इस कमी को अमेरिका की ट्रंप सरकार की वीजा नीति और कड़े नियमों से जोड़कर देखा जा रहा है। ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि वीजा मिलने में देरी और नए आवेदनों पर सख्ती का असर खासकर छात्रों और पर्यटकों पर पड़ा है। कई छात्रों को कॉलेज में दाखिला मिलने के बावजूद वीजा में रुकावट का सामना करना पड़ रहा है।
भारत, अमेरिका जाने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में चौथे स्थान पर है। पहले स्थान पर यूके, दूसरे पर मेक्सिको और तीसरे पर कनाडा है, जबकि पांचवें नंबर पर ब्राजील आता है। इन टॉप पांच देशों से ही जून में अमेरिका पहुंचे कुल पर्यटकों का 59.4 प्रतिशत हिस्सा रहा।
हालांकि भारतीय पर्यटक अब भी बड़ी संख्या में अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन यह गिरावट अमेरिका के लिए चिंता का विषय मानी जा रही है। भारत से पहले मुख्यत: रिश्तेदारों से मिलने वाले, बिजनेस ट्रिप पर जाने वाले और छात्र ही अमेरिका जाते थे। अब वीजा नीतियों की जटिलता से सामान्य यात्रियों पर भी असर पड़ सकता है।
ध्यान देने वाली बात है कि वर्तमान में अमेरिका में 50 लाख से ज्यादा भारतीय मूल के लोग रहते हैं। ऐसे में वीजा नीति की सख्ती से न केवल नए पर्यटक प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि परिवार से मिलने की योजना बनाने वाले भारतीय भी परेशान हैं।