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Tuesday, October 28, 2025

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेटा, गूगल और यूट्यूब को रामभद्राचार्य के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो हटाने का दिया निर्देश

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लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने आज शनिवार को जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कुलपति स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ कथित आपत्तिजनक वीडियो को 48 घंटे के भीतर एक YouTube चैनल और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया। अदालत ने मेटा प्लेटफॉर्म्स इनकॉर्पोरेशन और गूगल एलएलसी को याचिकाकर्ताओं से यूआरएल लिंक प्राप्त करने और स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ कथित आपत्तिजनक सामग्री को 48 घंटे के भीतर हटाने का निर्देश दिया। अदालत ने अगली सुनवाई 11 नवंबर के लिए निर्धारित की है।

न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने शरद चंद्र श्रीवास्तव और अन्य द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश जारी किया। याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों से विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित करने और उनका सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाने का आग्रह किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि गोरखपुर स्थित यूट्यूब एडिटर शशांक शेखर, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर चैनल चलाते हैं, 29 अगस्त से अपने यूट्यूब चैनल और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ अपमानजनक वीडियो चला रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि कहने के बावजूद, न तो उन्होंने वीडियो हटाया और न ही संबंधित इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म ने अपनी ओर से कोई कार्रवाई की। यह वीडियो ‘रामभद्राचार्य पर रहस्योद्घाटन – 16 साल पहले क्या हुआ था’ शीर्षक से प्रसारित किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि स्वामी जी बचपन से ही दृष्टिबाधित हैं, फिर भी उनकी विकलांगता से संबंधित अपमानजनक सामग्री वाला वीडियो प्रसारित किया जा रहा है।

इस वीडियो पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था। सुनवाई के बाद, अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, राज्य दिव्यांगजन आयुक्त द्वारा इस सामग्री के विरुद्ध कार्रवाई का मामला बनता है। 17 सितंबर को, अदालत ने याचिका का संज्ञान लिया और फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल और यूट्यूब को नोटिस जारी किए।

अदालत ने आदेश दिया कि स्वामीजी के विरुद्ध दिखाए जा रहे वीडियो के संबंध में मीडिया प्लेटफॉर्म के शिकायत निवारण अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन उपलब्ध कराए जाएँ, जिस पर आपत्तिजनक वीडियो को हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने राज्य दिव्यांगजन आयुक्त को फेसबुक और इंस्टाग्राम चैनलों के संपादक शशांक शेखर से स्पष्टीकरण मांगने और उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।

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