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Thursday, April 24, 2025

अखिल भारतीय साहित्य परिषद, बहराइच के तत्वावधान में विक्रम सम्वत नववर्ष एवं बैशाखी के पावन अवसर काव्य व विचार गोष्ठी का किया आयोजन

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यूथ इंडिया जिला ब्यूरो घनश्याम वर्मा

अखिल भारतीय साहित्य परिषद, बहराइच के तत्वावधान में विक्रम सम्वत नववर्ष एवं बैशाखी के पावन अवसर एक काव्य व् विचार गोष्ठीशिव कुमार रैकवार की अध्यक्षता में सरयू नगर बहराइच में आयोजित हुई। लखनऊ से आये हुए परिषद् के प्रांतीय उपाध्यक्ष उमेश शुक्ल सभा में मुख्य अतिथि थे।

उन्होंने परिवार की आवश्यकता विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हम दो हमारे एक का परिणाम होगा कि चाचा-चाची, मौसा-मौसी, बुआ, दीदी आदि रिश्ते ही समाप्त हो जायेंगे। जबकि अपनी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कुटुम्ब परंपरा को कायम रखना अनिवार्य है।

धर्म, संस्कृति के बाहर समाज राष्ट्र नहीं हो सकता और राष्ट्रीयता के आभाव में देश उपजाऊ भूमि नहीं चारागाह होता है। परिवार टूटने से बच्चो को सम्बन्धियों का स्वाभाविक प्यार नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से उनमें संवेदनशीलता समाप्त हो रही है।“ उन्होंने उपस्थित कवि, साहित्यकारों से इसके लिए जन-जागरण करने की अपील की। परिषद् के महामंत्री रमेश तिवारी ने कहा कि अप्रैल में हमारा नववर्ष पड़ता है।

अंग्रेजों ने पहले दिन को मूर्ख दिवस करके संभवतः हमारा अपमान किया है जैसे चन्दन हम मस्तक पर लगाते हैं जिसे उन्होंने सैंडलवुड (पादुका लकड़ी) नाम दिया जबकि चन्दन का सही नाम संतवुड होना चाहिए। इस तरह के अपमान को देखते हुए हमें अंग्रेजी नववर्ष का वहिष्कार करना चाहिए।

जनपद के प्रसिद्द कवि राम सँवारे द्विवेदी ‘चातक’, परिषद् के अध्यक्ष राधाकृष्ण पाठक, गुलाब चन्द्र जायसवाल, गयाप्रसाद मिश्र ‘मधुकर’, अयोध्या प्रसाद शर्मा ‘नवीन’, राम सूरत वर्मा ‘जलज’, देशराज सिंह, पुण्डरीक पांडेय, ओम प्रकाश शुक्ल, अर्पिता मिश्रा, नरेंद्र कुमार मिश्र, संत राम वर्मा, रवि पाठक ‘गुलशन’, डा. दीनानाथ मिश्र, प्रमोद साधक, आर. पंडित ‘मशरिक़ी’, विनोद कुमार पांडेय ‘विनोद’, शैलेन्द्र मिश्र, अजीत मौर्य, प्रीतम श्रावस्तवी, सोमेश मौर्य, मधु सूदन शुक्ल, ‘सदन’, राजेश ‘आत्मज्ञानी’, विमलेश जायसवाल ‘विमल’, राकेश रस्तोगी ‘विवेकी’, छोटे लाल गुप्त, ओम प्रकाश यादव ‘बहराइची’, दुखी राम आर्य, बुद्धि सागर पाण्डेय, हरिश चन्द्र जायसवाल, राम शंकर जायसवाल आदि कवि, समाज सेवक, विचारक महानुभावों ने इस कार्यक्रम में काव्य पाठ अथवा वक्तव्य से राष्ट्रवादी भावना का आदान-प्रदान ही नहीं किया अपितु अच्छी संख्या में उपस्थित श्रोताओं का इस दिशा में मार्ग दर्शन किया।

रमेश चन्द्र तिवारी 9451673412
महामंत्री, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् – बहराइच

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