हृदेश कुमार संवाददाता
नई दिल्ली: देश के आंतरिक हालातों को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा (All India Hindu Mahasabha) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को खुला पत्र लिखा है। महासभा ने पत्र में 1947 के बाद देश में फिर से समुदायिक हिंसा, धार्मिक असहिष्णुता और आम लोगों पर हमलों की स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया है। महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने पत्र में कहा कि वर्तमान में देश के कई राज्यों में धार्मिक जुलूसों पर पथराव, संपत्तियों की लूटपाट, सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सेना, पुलिस, पत्रकार, अधिवक्ता और आम जनता पर खुलेआम हमले हो रहे हैं। इसके साथ ही, हिंसा भड़काने वाले नारे लगाए जा रहे हैं और मस्जिदों से पथराव, गोली और बम फेंके जा रहे हैं।
महासभा ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारों की मौजूदा कार्रवाई पर्याप्त नहीं है और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रही है। न्यायालय से मांगी गई कार्रवाई। पत्र में उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया गया है कि वह स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र सरकार को आदेशित करे कि: दंगाइयों के लिए कठोर कानून बनाएं जाएँ। हिंसा में शामिल लोगों का वोटिंग अधिकार समाप्त किया जाए।
देश से निकालने के लिए कड़े कदम उठाए जाएँ। महासभा का कहना है कि इससे देश में लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा और सामूहिक हिंसा की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।
शिशिर चतुर्वेदी का बयान
राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल देश और लोकतंत्र की सुरक्षा है। 1947 जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए, इसके लिए हम न्यायपालिका और सरकार से तत्काल कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।